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महासेतु मामले में निर्माण एजेंसी को बचा रहे नीतीश कुमार: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने ये भी सवाल खड़ा किया है कि तत्काल कार्रवाई करने के बजाय क्यों 15दिन का नोटिस क्यों कंपनी को दिया गया है. साथ ही उन्होंने पूछा है कि आइआइटी की जाँच रिपोर्ट देर से मिलने पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई?

Updated on: 08 Jun 2023, 07:26 PM

highlights

  • सुशील मोदी का सीएम नीतीश पर हमला
  • सुल्तानगंज महासेतु ढहने को लेकर बोला हमला
  • कहा-आरोपी कंपनी पर कार्रवाई की बजाय उसे बचा रहें हैं CM

Patna:

सुल्तानगंज महासेतु के ढहने के मामले को लेकर एक बार फिर से बिहार के पूर्व सीएम व बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया है कि महासेतु मामले में निर्माण एजेंसी को सीएम नीतीश कुमार बचाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंजीनियर मुख्यमंत्री निर्माण का श्रेय लेते हैं, तो ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए. साथ ही सुशील मोदी ने ये भी सवाल खड़ा किया है कि तत्काल कार्रवाई करने के बजाय क्यों 15दिन का नोटिस क्यों कंपनी को दिया गया है. साथ ही उन्होंने पूछा है कि आइआइटी की जाँच रिपोर्ट देर से मिलने पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई?

कार्रवाई की बजाय नोटिस क्यों?

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पड़े सुल्तानगंज महासेतु का हिस्सा ढहने की बड़ी घटना के बाद निर्माण एजेंसी पर तत्काल कड़ी करने के बजाय उसे 15 दिन का नोटिस देकर सरकार उसे बचा रही है. सुशील मोदी ने कहा कि इंजीनियर नीतीश कुमार बतायें कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था, तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की? उन्होंने कहा कि यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख अपनाते हुए एजेंसी को क्लीनचिट न दी गई होती, तो पुल के पाये ढहने की घटना दोबारा न होती.

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देर से रिपोर्ट देनेवालों पर क्या कार्रवाई हुई?

सुशील मोदी ने कहा कि पहली बार पाया धँसने की जाँच आइआइटी रुड़की को दी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट ऐसी दूसरी घटना के बाद आयी. इतनी देर से जाँच रिपोर्ट देने वालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की? उन्होंने कहा कि अगर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में गलती थी, तो इसे स्वीकृति देने वाले अभियंताओं पर क्या कार्रवाई हुई ?

CM खुद लें पुल गिरने की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि पथ निर्माण मंत्री कोई हो, सारे काम की मानीटरिंग मुख्यमंत्री करते हैं और उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. सुशील मोदी ने कहा कि जब सड़क, पुल, महासेतु तक सारे निर्माणों का श्रेय इंजीनियर मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं, तो पुल ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए.