Caste Census in Bihar: जातीय जनगणना पर ललन सिंह का ट्वीट, लिखा- 'BJP बड़का झुट्ठा पार्टी'
Caste Census in Bihar: बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच चुका है.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट 13 जनवरी को करेगी जातीय जनगणना पर सुनवाई
- जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर बीजेपी पर साधा निशाना
- 2024 में बड़का झुट्ठा पार्टी (B.J.P) मुक्त भारत बनाना है
Patna:
Caste Census in Bihar: बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच चुका है. वहीं, बिहार सरकार की अधिसूचना जिसमें राज्य में जाति अधारित जनगणना कराई जा रही याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. वहीं, अब इस मामले में 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी. जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में राजनीति गर्माहट देखी जा रही है. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
यह भी पढ़ें- बक्सर मामले में विजय सिन्हा का सरकार पर हमला, कहा- 'सुशासन नहीं गुंडाराज है'
ललन सिंह ने ट्वीट कर उठाए सवाल
ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना की मांग केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया, तब 6 महीना तक अड़ंगा लगाने के बाद श्री नीतीश कुमार जी एवं श्री तेजस्वी यादव जी के दबाव में बिहार सरकार को अपने खर्च पर जनहित में जातीय गणना करवाने की सहमति मिली थीं. अब यह कार्य प्रगति पर है तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है.
जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना की मांग केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया तब 6 महीना तक अड़ंगा लगाने के बाद श्री @NitishKumar जी एवं श्री @yadavtejashwi जी के दबाव में बिहार सरकार को अपने खर्च पर जनहित में जातीय गणना करवाने की सहमति मिली थीं। अब यह कार्य प्रगति पर है....1/3
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 11, 2023
यदि ये वाकई में बिहार में हो रही जातीय गणना के पक्षधर हैं तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ़ भारत के अटॉर्नी जनरल को खड़ा करें अन्यथा इनका दोहरा चरित्र जगजाहिर है.
अब देश के सामने एक ही विकल्प है "2024 में बड़का झुट्ठा पार्टी (B.J.P) मुक्त भारत" तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है.
बता दें कि जातीय आधारित गणना बिहार सरकार के एजेंडे में शामिल है और बिहार सरकार की 6 जनवरी, 2022 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
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