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किशनगंज: खंडहर में तब्दील हुआ स्कूल, 4 शिक्षकों के भरोसे बच्चे

बिहार के मुखिया हो या बिहार के शिक्षा मंत्री लाख दावे करते हैं, लेकिन बिहार के स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका की कमी के बीच विद्यालय के प्रधानाध्यापक अकेले ही स्कूल चला रहे हैं.

Updated on: 28 Mar 2023, 02:33 PM

highlights

  • खंडहर में तब्दील हुआ स्कूल
  • 4 शिक्षकों के भरोसे स्कूल
  • प्रशासन की नहीं खुल रही नींद

Kishanganj:

बिहार के मुखिया हो या बिहार के शिक्षा मंत्री लाख दावे करते हैं, लेकिन बिहार के स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका की कमी के बीच विद्यालय के प्रधानाध्यापक अकेले ही स्कूल चला रहे हैं. किशनगंज मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर एक ऐसा स्कूल है, जो पिछले कुछ वर्षों से बदहाली के आंसू बहा रहे हैं. स्कूल परिसर खंडहर में तब्दील हो चुकी है. कक्षा 1 लेकर 8वीं तक के बच्चे स्कूल में हैं, पर शिक्षक-शिक्षिका की कमी बहुत है. 4 शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूल में मौजूद है. महज 4 शिक्षकों के भरोसे 8वीं तक के बच्चों को पढ़ाया-लिखाया जा रहा है. वहीं, स्कूल खंडहर में तब्दाली हो चुका है, जिस वजह से बच्चे भी यहां पढ़ने नहीं आ रहे हैं. देखा जाए तो इसी स्कूल के छात्र-छात्राएं आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर बनकर भी बाहर निकले हैं.

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खंडहर में तब्दील हुआ स्कूल

हमारे संवाददाता जब स्कूल पहुंचे तो देखा कि एक मैडम स्कूल में घूम रही हैं. उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि वह इसी स्कूल से पढ़कर निकली हैं और आज डॉक्टर हैं. वहीं, स्कूल की बदहाली देखकर आज आंखों से आंसू निकल आए. स्कूल का यह हाल देख कर आज उन्होंने कहा कि सरकार को इस स्कूल पर ध्यान देना चाहिए. शहर के बीचों-बीच राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के हाल पर स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि स्कूल की हालत काफी खराब है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. बहुत जगह पर इसकी शिकायत भी की गई है.

4 शिक्षकों के भरोसे स्कूल

बिल्डिंग नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राएं स्कूल पर नहीं आ रहे हैं. स्कूल के भवन से सांप भी बाहर निकलता रहता है, जिससे छात्र-छात्राओं में भी डर का महौल है. गर्मी हो या सर्दी, स्कूल में लाइट और पंखा की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि प्रधानाध्यापक के कार्यालय में भी बिजली की उचित व्यवस्था नहीं है. स्कूल खंडहर में तब्दली हो चुका है. स्कूल के प्रिसिंपल प्रशांत दास की मानें तो यहां के छात्र-छात्राएं डर के कारण दूसरे स्कूल में नाम दाखिल करवा रहे हैं. आज इस स्कूल में सिर्फ 70 छात्र ही बचे हैं और 4 शिक्षक-शिक्षिका है. शौचालय की भी काफी खराब व्यवस्था है. महिला शिक्षक-शिक्षिका और छात्रों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. ना स्कूल में शौचालय है, ना बिजली, ना शिक्षक और ना ही भवन. देखना यह है कि आखिर कब प्रशासन की नींद खुलेगी और उनका ध्यान खंडहर में तब्दील हो चुके विद्यालय पर पड़ेगी.