बिहार में बच्चों के अदृश्य दुश्मन ने दी दस्तक, 11 मासूमों को अस्पताल में किया गया भर्ती
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है और 11 बच्चे इस बीमारी की चपेट में भी आ गए हैं. जिसके बाद से ही पूरे जिले में दहशत का माहौल है.
highlights
- बच्चों के अदृश्य दुश्मन की दस्तक!
- चमकी बुखार की चपेट में 11 बच्चे
- गर्मी की दस्तक... फैलने लगी बीमारी
- मासूमों को कैसे चमकी बुखार से बचाएं?
Muzaffarpur:
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है और 11 बच्चे इस बीमारी की चपेट में भी आ गए हैं. जिसके बाद से ही पूरे जिले में दहशत का माहौल है. आपको बता दें कि गर्मी की दस्तक के साथ ही बिहार में बच्चों के अदृश्य दुश्मन यानी चमकी बुखार का खौफ फैलने लगा है. मुजफ्फरपुर में तो बीमारी ने दस्तक भी दे दी है. जिले में अब तक 11 बच्चे बुखार की चपेट में आ गए हैं. सभी को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. चमकी बुखार सालों से बिहार में हाहाकार मचाता आया है. हर साल गर्मी के साथ ही ये बीमारी बच्चों को अपनी चपेट में लेने लगता है. कोरोना काल में बुखार का प्रकोप थम गया था, लेकिन अब एक बार फिर ये बीमारी फैलने लगी है.
क्या है चमकी बुखार
आपको बता दें कि चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम एक संक्रामक बीमारी है. आम लोग इसे चमकी बुखार कहते हैं. ये बीमारी मस्तिष्क से जुड़ी हुई एक गंभीर बीमारी है. बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर प्रजनन शुरू कर देते हैं. दिमाग में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. दिमाग में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं. कोशिकाओं में सूजन आने पर इसे एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहते हैं. सूजन आने के बाद शरीर का नर्वस सिस्टम खराब हो जाता है. ठीक से इलाज ना मिलने पर इस बीमारी से मौत हो जाती है.
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मुजफ्फरपुर में बीमारी से दहशत
मुजफ्फरपुर में बीमारी की दस्तक के बाद से ही लोगों में दहशत का आलम है. मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ की मानें तो अभी तक यहां गंभीर मरीज नहीं आए हैं. इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर गरीब और ग्रामीण इलाके के बच्चे आते हैं. जो धूप में जाते हैं और रात में बिना खाए सो जाते हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ ने इससे बचने के उपाय भी बताएं हैं.
क्या हैं इसके लक्षण
इस बीमारी के शिकार ज्यादातर बच्चे ही होते हैं. क्योंकि उनमें इम्युनिटी कम होती है. बुखार में चपेट में आने पर बच्चे के शरीर में दर्द होना, बेहोश होना और शरीर सुन्न पड़ने जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं. मुजफ्फरपुर में इन्हीं लक्षणों के दिखने के बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां चमकी बुखार की पुष्टि होने के बाद सभी का इलाज चल रहा है. बिहार और पूर्वांचल में हर साल इस बीमारी की दस्तक होती है. ऐसे में जरूरत है कि गर्मी के शुरूआत दौर में ही परिजन थोड़ी सावधानियां बरते ताकि बीमारी से बच्चों को बचाया जा सके.
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