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क्या 12 फरवरी को बिहार में लगेगा राष्ट्रपति शासन या बचेगी नीतीश की कुर्सी? जानें सियासी हलचल

बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट को लेकर भी सियासी पारा हाई है. बता दें कि 12 फरवरी को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट रखने में जुटी हैं.

Updated on: 10 Feb 2024, 07:02 PM

highlights

  • बिहार में 12 फरवरी को क्या नीतीश की बचेगी कुर्सी? 
  • हॉर्स ट्रेडिंग की भी अटकलें तेज
  • पटना और गया से लेकर हैदराबाद तक हो रही चर्चा

Patna:

Bihar Politics Floor Test News: एक तरफ जहां बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार बयानों का दौर भी शुरू हो गया है. इस बीच बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट को लेकर भी सियासी पारा हाई है.बता दें कि 12 फरवरी को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट रखने में जुटी हैं. इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी अटकलें चल रही हैं. राजद नेता लगातार राजनीतिक 'खेला होने' का दावा करते नजर आ रहे हैं. वहीं विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से इनकार कर राज्य की राजनीति को और भी सशंकित कर दिया है.

आपको बता दें कि इस समय बिहार की राजनीति में हर पार्टी अपने विधायकों को एकजुट करने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन सच तो यह है कि अंदर ही अंदर वो भी अपने विधायकों को संदेह की नजर से देख रहे हैं. बता दें कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का 'खेला तो होगा' वाला बयान विरोधियों के मन में बैठा हुआ है. उनके इस बयान को लेकर पटना से लेकर गया और तेलंगाना तक चर्चा हो रही है.

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हॉर्स ट्रेडिंग की भी लगाई जा रही है अटकलें

आपको बता दें कि बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को है लेकिन उससे पहले 10 और 11 फरवरी के दिन और रात काफी भारी हैं. वहीं, जेडीयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि उनकी पार्टी के विधायकों को फोन आ रहे हैं. साथ ही लगातार विधायकों को प्रोलभन देने की कोशिश हो रही है. बता दें कि कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि उसके विधायकों को प्रलोभन भी दिया जा रहा है. फिलहाल हॉर्स ट्रेडिंग की अफवाहों में कितनी सच्चाई है ये 12 फरवरी को सीएम नीतीश की एनडीए गठबंधन सरकार के बहुमत परीक्षण से साफ हो जाएगा.

पटना-गया और हैदराबाद तक चर्चा 

आपको बता दें कि फ्लोर टेस्ट को लेकर बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच सभी पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट करने में जुटी हुई हैं. कांग्रेस को डर है कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ सकती है, इसलिए पार्टी ने अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है, वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने अपने विधायकों को पटना में ही रहने का निर्देश दिया है. वहीं सूत्रों की मानें तो राज्य के पूर्व सीएम डिप्टी तेजस्वी यादव ने आज यानी शनिवार (10 फरवरी) शाम राबड़ी देवी के आवास पर राजद विधायक दल की अहम बैठक बुलाई है. इसके अलावा सभी विधायकों को पटना में ही रहने को कहा गया है, जबकि बीजेपी विधायक गया में जुटे हुए हैं.

अवध बिहारी चौधरी ने बढ़ाया सियासी पारा 

आपको बता दें कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के तेवर सख्त हैं, उन्होंने साफ कह दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे, जिसके बाद नीतीश सरकार की बौखलाहट और भी बढ़ती नजर आ रही है. बता दें कि अवध बिहारी चौधरी पहले विधानसभा स्पीकर होंगे जो अपने खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. 

वहीं आपको बताते चले कि बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान क्रॉस वोटिंग की भी आशंका जताई जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ''फ्लोर टेस्ट के दौरान कई विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं.'' हालांकि, नीतीश कुमार की एनडीए सरकार लगातार दावा कर रही है कि उसके पास बहुमत का आंकड़ा है और उसकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है.

बिहार में किस दल के पास कितने हैं विधायक?

इसके साथ ही आपको बताते चले कि, बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिसमें लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के पास विधानसभा में सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के पास 78 विधायक, जबकि जेडीयू के पास कुल 45 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 तो लेफ्ट के पास 16 विधायकों का आंकड़ा है. इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के पास 4 विधायक हैं, इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक हैं, जो नीतीश सरकार के साथ हैं. फिलहाल बिहार में सत्ताधारी दल के पास कुल 128 विधायक हैं, जबकि विपक्षी महागठबंधन के पास कुल 114 विधायक हैं. बिहार में बहुमत जुटाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है.