PM Modi Assam Visit: कुछ ही देर में असम पहुंचेंगे पीएम मोदी, देंगे हजारों करोड़ की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम दौरे के दौरान 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.
नई दिल्ली :
PM Modi Assam Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम दौरे के दौरान 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके मद्देनजर मोदी शुक्रवार शाम तेजपुर पहुंचेंगे, जिसके बाद अगले दिन यानि 9 मार्च को तमाम परियोजनाओं के शुभारंभ के साथ-साथ जोरहाट में अहोम जनरल लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. बीते गुरुवार एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि, “प्रधानमंत्री शुक्रवार की रात काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बिताएंगे और यूनेस्को विरासत स्थल का दौरा करेंगे और अगली सुबह वहां सफारी करेंगे."
अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करेंगे
सीएम सरमा ने बताया कि, इसके बाद वह अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करेंगे और वहां दो कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद, जोरहाट में उतरेंगे और होलोंगापारा में लाचित बोरफुकन की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे, जिसे स्टैच्यू ऑफ वेलोर का नाम दिया गया है.
सीएम ने कहा कि, इसके बाद पीएम जिले के मेलेंग मेटेली में एक कार्यक्रम के दौरान विभिन्न महत्वाकांक्षी केंद्र और राज्य सरकार की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. साथ ही विभिन्न चिकित्सा परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा वे अपनी यात्रा के दौरान एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे और विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे.
दो दिन का चुनावी दौरा माना जा रहा
गौरतलब है कि, पीएम मोदी के असम यात्रा को दो दिन का चुनावी दौरा माना जा रहा है. हालांकि सीएम सरमा का कहना है कि, प्रधानमंत्री अक्सर पूर्वोत्तर आते हैं. इस साल (2023-24) यह असम की उनकी तीसरी यात्रा होगी. ऐसे में उनके इस दौरे का चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
ज्ञात हो कि, फरवरी 2022 में, तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लाचित बोरफुकन की 400वीं जयंती समारोह की शुरुआत की थी और महान कमांडर की 150 फुट की कांस्य प्रतिमा की नींव रखी थी, जिसका निर्माण हॉलोंगापार में 16.5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में उनके स्मारक पर किया जाएगा. मालूम हो कि, लाचित बोरफुकन अहोम साम्राज्य (1228-1826) के एक प्रसिद्ध सेना कमांडर थे. उन्हें 1671 में ब्रह्मपुत्र पर 'सरायघाट की लड़ाई' में उनके नेतृत्व के लिए जाना जाता है, जिसने राजा रामसिंह-प्रथम के नेतृत्व में शक्तिशाली मुगल सेना द्वारा असम को वापस लेने के प्रयास को विफल कर दिया था.
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