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Iran–Israel Conflict: ईरान पर हमले की तैयारी कर रहा इजरायल, क्या दुनिया को विश्व युद्ध में धकेल रहे नेतन्याहू?

Iran–Israel conflict: इजरायल- ईरान के टकराव को पूरी दुनिया विश्व युद्ध के खतरे के रूप में देख रही है, अगले 24 घंटे काफी अहम बताए जा रहे हैं

Updated on: 16 Apr 2024, 08:07 AM

नई दिल्ली:

Iran–Israel conflict: हमास के हमले के बाद जिस तरह से इजरायल ने पलटवार किया था, उसी तरह अब ईरान की बारी है. ऐसा कहा जा रहा है इजरायल जवाबी कार्रवाई को लेकर बड़ी तैयारी कर रहा है. इजरायल के राजदूत ने यूएन (UN) में कहा कि ईरान ने अपनी सारी हदें पार की हैं. अब इजरायल जवाबी हमला कर सकता है. रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास के बाद, इजरायल-ईरान अब युद्ध का नया फ्रंट बनकर उभरेगा. ऐसे में विश्व तीसरे विश्व युद्ध बढ़ने की कगार पर है. बताया जा रहा है कि अगले 24 घंटे काफी अहम हो सकते हैं. वहीं ईरान का ये दावा है कि उसने 72 घंटे पहले अपने पड़ोसियों और साथ में अमेरिका को ये बता दिया था कि वो हमला करने जा रहा है.

दुनिया बीते दो वर्षों से युद्ध की मार झेल रही है. ईरान से युद्ध दुनिया के लिए बड़ा झटका है. पूरा यूरोप इजरायल को मदद कर रहा है. वहीं ईरान को चीन जैसे देश मदद कर सकते हैं.  दो युद्धों के मुकाबले, ये युद्ध काफी नाजुक हालात पैदा कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार मुकाबला मध्य पूर्व की दो शक्तियों से है. इसका असर पूरी दुनिया पर हो सकता है. 

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इजरायल को अब तक 800 करोड़ का नुकसान

इसी माह की पहली तारीख को इजरायल ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर मिसाइल से हमला किया था. इसमें ईरान के टॉप कमांडर सहित 13 लोगों की मौत हो गई. इस हमले के बाद ईरान जवाबी कार्रवाई करते हुए 13वें दिन उसने इजरायल के खिलाफ मिसाइल और किलर ड्रोन पर हमला बोल दिया. इस हमले के नुकसान को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. वहीं इजरायल का दावा है कि उसने 99 प्रतिशत मिसाइल और ड्रोन को हवा में नष्ट कर दिया. उसने इस हमले से किसी भी तरह के नुकसान से इनकार कर दिया है. वहीं ईरान का ये दावा है कि हमले से इजरायल को 800 करोड़ का नुकसान हुआ. 

भले ही नुकसान हुआ हो या नहीं मगर ये लड़ाई नाक की बताई जा रही है. इजरायल इसके लिए बड़े हमले की तैयारी कर रहा है. इजरायल को यूपीय देशों का साथ है. ईरान भी इस बात को जानता है कि इजरायल उस पर बड़ा हमला कर सकता है. ऐसे में उसने अपने बयान में कहा है कि ये कार्रवाई इजरायल को सबक सिखाने की थी, ना की युद्ध छेड़ने की कोई मंशा थी. 

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन का कहना है कि हमने सुबह ही वाइट हाउस को एक संदेश भेजा था. इस संदेश में कहा गया था कि हमारा ऑपरेशन सीमित और मामूली होने वाला है. इस हमले का लक्ष्य इजरायली शासन को सबक सिखाने की थी.