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लोकसभा चुनाव

Karnataka Elections: 'सांप-सीढ़ी' की चुनावी बिसात पर पीएम मोदी चलेंगे यह 'दांव', समझें क्यों

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी स्थानीय मुद्दों के बजाय राष्ट्रीय मुद्दों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की उम्मीद कर रही है.

Updated on: 10 May 2023, 07:38 PM

highlights

  • पीएम नरेंद्र मोदी का मुख्य जोर डबल इंजन सरकार के फायदे गिनाने पर होगा
  • निजी हमलों का जिक्र कर पीएम मोदी कांग्रेस की अपने प्रति नफरत दिखाएंगे
  • मुस्लिम तुष्टीकरण नीति और मुफ्त रेवड़ियों के वादों से धार देंगे अभियान को

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बेंगलुरु:

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) फिर से एक चुनावी राज्य के परिणाम भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरह झुका सकते हैं !!! खासकर जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) अभी तक तो एक कड़ा मुकाबला लग रहा है. इसके जवाब में सबसे पहले यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के 'जहरीले सांप' के उद्गार ने निश्चित तौर पर पीएम मोदी को सही समय पर गोला-बारूद दे दिया है. इसके साथ पीएम मोदी शनिवार से दक्षिणी राज्य कर्नाटक में भाजपा के राजनीतिक अभियान को और धार देने उतर रहे हैं. वह इस पूरे सप्ताहांत में कर्नाटक (Karnataka) में छह रैलियां और बेंगलुरु-मैसूर में दो बड़े रोड शो करेंगे. ऐसे में उनका चुनाव अभियान चार प्रमुख मुद्दों (Political Issues) पर आधारित होने की उम्मीद राजनीतिक पंडित लगा रहे हैं.

पीएम मोदी के चुनावी अभियान की रणनीति
बीजेपी के चुनावी रणनीतिक धुरंधरों के हवाले से सूत्रों का दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले पहल उन्हें 'जहरीले सांप' जैसे नारों के लिए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलने वाले हैं. दूसरा बड़ा मसला रहेगा कांग्रेस का 'मुफ्त रेवड़ियों' वाला 'मॉडल ऑफ इलेक्शन'. इन मुफ्त रेवड़ियों के अधूरे चुनावी वादों का अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में हश्र इस हमले को और तीखा बनाएगा. तीसरी संभावना हालिया वर्षों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के रूप में बड़ा हमला होगा. चौथा बड़ा मसला होगा कर्नाटक में 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण का समर्थन करने के रूप में कांग्रेस की  'मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति' को उजागर करना. इसे और मजबूती देने के लिए पीएम मोदी मुस्लिमों के आरक्षण से लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय को उनके हक और अधिकार से वंचित करने करने की कांग्रेस सोच पर राजनीतिक हमला बोलेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी की स्थायी चुनावी पिच मतदाताओं को उनके शासन के मॉडल में विश्वास करने और 'डबल-इंजन विकास' के लिए वोट करने को प्रेरित कर सकती है. वह इस बात पर जोर देंगे कि बीजेपी सरकार का 'डबल इंजन मॉडल' बुनियादी ढांचे और धन के साथ-साथ लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के महत्व को दर्शाता है.

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कांग्रेस की सोच
इस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी स्थानीय मुद्दों के बजाय राष्ट्रीय मुद्दों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की उम्मीद कर रही है. इन दोनों ही बातों ने बीजेपी को लगातार दूसरी बार उत्तराखंड और त्रिपुरा जैसे चुनौतीपूर्ण राज्यों में जीत दिला इतिहास बदलने में मदद की थी. हालांकि कांग्रेस को लगता है कि दक्षिणी राज्य होने से कर्नाटक का मसला अलग है. कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों का मानना ​​है कि कर्नाटक की अवाम ने मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई के 'कमजोर शासन' और राज्य में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे बीएस येदियुरप्पा को सक्रिय राजनीति से बाहर करने के लिए भाजपा को वोट नहीं देने का मन बना लिया है.

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क्या खड़गे की टिप्पणी का उल्टा असर होगा?
कांग्रेस को लगता है कि मल्लिकार्जुन खड़गे की 'जहरीले सांप' वाली टिप्पणी उसकी चुनावी संभावनाओं को प्रभावित नहीं करेगी. कांग्रेस नेता शिद्दत से मान रहे हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव स्थानीय स्तर के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मतदाताओं को चार गारंटी देने का वादा किया गया है. इनमें प्रमुख रूप से प्रत्येक महिला को 1,500 रुपये प्रति माह और प्रत्येक स्नातक को 3,000 रुपये प्रति माह जैसे वादे शामिल हैं. हालांकि राज्य कांग्रेस हलकों में मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर कुछ बेचैनी प्रतीत हो रही है, जो बताती है कि खड़गे ने तुरंत ही अपने बयान पर अपने माफीनामे की पेशकश क्यों की. हालांकि पीएम मोदी की कांग्रेस को इस मसले छोड़ने की संभावना नहीं के बराबर ही है. उम्मीद की जा रही है कि वे इस टिप्पणी को गांधी परिवार और अपने प्रति कांग्रेस की लगातार नफरत के उदाहरण के रूप में पेश करेंगे. इसके लिए वह कांग्रेस नेताओं के 'मौत का सौदागर', 'नीच आदमी' और 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' जैसे बयानों की भी याद मतदाताओं को दिला सकते हैं. भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि पीएम मोदी पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले हमेशा कांग्रेस पर उल्टा असर डालते हैं और ऐसा कर्नाटक में भी हो सकता है. संभवतः इसीलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपनी रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की 'जहरीले सांप' वाली टिप्पणी पर जोरदार हमला बोला था.