Putin's Arrest Warrant: क्या गिरफ्तार होंगे पुतिन, जाने क्या है ICC जिसने जारी किया वारंट
मास्को ने कहा कि वह बार-बार आरोपों से इंकार करता आया है कि उसके सैन्य बलों ने अपने पड़ोसी पर आक्रमण के दौरान अत्याचार किए हैं. जानते हैं कि आखिर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय क्या है और उसका दायरा क्या है!
highlights
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना 2002 में की गई
- आईसीसी की स्थापना 1998 रोम संविधि के आधार पर की गई
- अमेरिका, रूस और चीन आईसीसी के सदस्य देश नहीं हैं
हेग:
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने यूक्रेन से बच्चों के अवैध देशांतरण के युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदारी का आरोप लगाते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के लिए गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी किया है. यूक्रेन (Russia Ukraine War) के लिए अपने पहले वारंट में आईसीसी ने बच्चों के अवैध निर्वासन और यूक्रेन के क्षेत्र से लोगों के रूसी संघ में अवैध हस्तांतरण के संदेह में पुतिन की गिरफ्तारी का आह्वान किया है. अदालत ने बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के लिए भी एक वारंट जारी किया, जो क्रेमलिन-प्रायोजित कार्यक्रम का सार्वजनिक चेहरा रही हैं. इसके तहत यूक्रेनी बच्चों और किशोरों को रूस ले जाया गया है. हालांकि रूस अदालत का पक्षकार नहीं है. गिरफ्तारी वारंट पर प्रतिक्रिया देते हुए मॉस्को ने कहा कि यह फिजूल की कवायद है. इसके साथ ही मास्को ने कहा कि वह बार-बार आरोपों से इंकार करता आया है कि उसके सैन्य बलों ने अपने पड़ोसी पर आक्रमण के दौरान अत्याचार किए हैं. जानते हैं कि आखिर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय क्या है और उसका दायरा क्या है!
आईसीसी के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार हैं
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना 2002 में युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार और आक्रामकता के अपराध पर मुकदमा चलाने के लिए की गई थी. खासकर जब सदस्य देश अनिच्छुक या स्वयं ऐसा करने में असमर्थ हों. आईसीसी सदस्य देशों के नागरिकों या अन्य सदस्य देशों की जमीन पर किए गए अपराधों पर मुकदमा चला सकता है. इसके 123 सदस्य देश हैं. आईसीसी का 2023 का बजट लगभग 170 मिलियन यूरो है.
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय एक डच शहर हेग में स्थित है, जो लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय का केंद्र रहा है.
- आईसीसी की वेबसाइट के अनुसार यूक्रेन और युगांडा, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, केन्या जैसे अफ्रीकी देशों से लेकर लातिन अमेरिका में वेनेजुएला और म्यांमार और फिलीपींस जैसे एशियाई देशों की 17 मामलों में जांच कर रहा है.
- आईसीसी की वेबसाइट का कहना है कि अदालत के समक्ष अब तक 31 मामले आ चुके हैं, जिनमें कुछ मामलों में एक से अधिक संदिग्ध हैं. आईसीसी जजों ने 38 गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
- इक्कीस लोगों को आईसीसी के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जो अदालत में पेश किए जा चुके हैं. चौदह लोग फरार हैं. पांच लोगों के खिलाफ उनकी मौत के कारण आरोप हटा दिए गए हैं. न्यायाधीशों ने 10 अपराधियों को सजा और चार को बरी किया है.
- आईसीसी ने युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के मामलों में पांच लोगों को दोषी ठहराया है. दोषी ठहराए गए सभी अफ्रीकी मिलिशिया नेता कांगो, माली और युगांडा के लोकतांत्रिक गणराज्य से हैं. आईसीसी के कानून के तहत दोषियों को नौ से 30 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई हैं. आईसीसी की अधिकतम सजा अवधि आजीवन कारावास है.
- एक शीर्ष भगोड़ा पूर्व सूडानी नेता उमर अल बशीर है, जो दारफुर में नरसंहार के लिए वांछित है. आअईसीसी के सामने पेश होने वाले किसी देश के पहले प्रमुख इवोरियन के पूर्व राष्ट्रपति लॉरेंट गाग्बो थे, जिन्हें तीन साल के मुकदमे के बाद 2019 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों और यूरोपीय संघ का समर्थन प्राप्त है. यह अलग बात है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस जैसी अन्य प्रमुख शक्तियां इसके सदस्य नहीं हैं. इनका तर्क है कि इसका उपयोग राजनीति से प्रेरित मुकदमों के लिए किया जा सकता है.
- यूक्रेन की जांच 2 मार्च 2022 को शुरू हुई. आईसीसी की वेबसाइट के अनुसार जांच का केंद्र 21 नवंबर 2013 से यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में किए गए कथित अपराध हैं. 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यैंकोविच के खिलाफ जनांदोलन शुरू हुआ, जो 2014 में अपदस्थ किए जाने के बाद रूस भाग गए थे.
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