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Tailang Swami: तैलंग स्वामी कौन थे? जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

Tailang Swami: तैलंग स्वामी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था. उनका विशेष ध्येय ध्यान और आत्मसाक्षात्कार में था, और उन्होंने लोगों को सत्य और सत्य की खोज में प्रेरित किया.

Updated on: 07 Mar 2024, 05:29 PM

नई दिल्ली :

Tailang Swami: तैलंग स्वामी, जिन्हें अभिनवगुप्ता नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख भारतीय धार्मिक व्यक्तित्व थे. उन्होंने आध्यात्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर अपनी गहरी अध्ययन की थी. तैलंग स्वामी ने वेदांत, योग, और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया और उनके जीवन में उनके विचारों को अमल में लाया. उन्होंने भारतीय संस्कृति, धार्मिक तत्त्वों, और योग की महत्वपूर्ण बातें लोगों के सामने प्रस्तुत की. तैलंग स्वामी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था. उनका विशेष ध्येय ध्यान और आत्मसाक्षात्कार में था, और उन्होंने लोगों को सत्य और सत्य की खोज में प्रेरित किया. तैलंग स्वामी ने अपने जीवन के कई भागों में भारत और पश्चिमी दुनिया के बीच योग और आध्यात्मिक दर्शन के माध्यम से संदेश फैलाया. उनके विचारों और शिक्षाओं का असर आज भी लोगों के जीवन में महसूस होता है और उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं. तैलंग स्वामी एक महान योगी और संत थे, जिन्होंने 280 साल तक जीवित रहने का दावा किया था. उनका जन्म 14वीं शताब्दी में हुआ था और वे 17वीं शताब्दी तक जीवित रहे. तैलंग स्वामी का जन्म स्थान और प्रारंभिक जीवन अज्ञात है.

उनके जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें:

  • तैलंग स्वामी को अक्सर "काशी का शिव" कहा जाता था, क्योंकि वे काशी (वाराणसी) में गंगा नदी के किनारे रहते थे.
  • कहा जाता है कि वे गंगा नदी में तैरते हुए ध्यान करते थे और कई दिनों तक पानी के अंदर रह सकते थे.
  • तैलंग स्वामी को अनेक चमत्कारों के लिए जाना जाता था, जैसे कि विष का पान करना, पानी पर चलना, और हवा में उड़ना.
  • वे अनेक भाषाओं में बातचीत कर सकते थे और विभिन्न विषयों पर ज्ञान रखते थे.
  • तैलंग स्वामी ने अनेक शिष्यों को ज्ञान दिया और उन्हें योग सिखाया.

तैलंग स्वामी के जीवन से जुड़ी कुछ कहानियां:

  • एक बार, तैलंग स्वामी ने एक अंग्रेज अधिकारी को चुनौती दी कि वे गंगा नदी में तैरकर पार कर सकते हैं. अधिकारी ने तैरने का प्रयास किया, लेकिन डूबने लगा. तैलंग स्वामी ने उसे बचाया और उसे जीवन का महत्व समझाया.
  • एक बार, तैलंग स्वामी ने एक नास्तिक व्यक्ति को चूने का घोल पीने के लिए कहा. नास्तिक व्यक्ति ने ऐसा किया और तुरंत मर गया. तैलंग स्वामी ने उसे पुनर्जीवित किया और उसे ईश्वर में विश्वास करने के लिए कहा.
  • तैलंग स्वामी का जीवन रहस्यमय और अद्भुत था. वे एक महान योगी और संत थे, जिन्होंने अनेक लोगों को प्रेरित किया.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तैलंग स्वामी के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. उनके जीवन से जुड़ी अनेक कहानियां और किंवदंतियां हैं, जिनमें से कुछ सच हो सकती हैं और कुछ नहीं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)