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Vastu Tips For Study: वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों की पढ़ाई के लिए ये दिशा है बेस्ट

Vastu Tips For Study: अच्छी पढ़ाई और सफलता के लिए अच्छा माहौल बहुत जरूरी है. वास्तु शास्त्र में ऐसे कई टिप्स दिए गए हैं जो आपकी पढ़ाई को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं और आपकी एकाग्रता और सफलता को बढ़ा सकते हैं.

Updated on: 23 Apr 2024, 04:32 PM

नई दिल्ली :

Vastu Tips For Study: वास्तुशास्त्र के अनुसार, एक शुभ और सकारात्मक वातावरण में पढ़ाई करने से बच्चों की ध्यान और उत्साह में वृद्धि होती है. बच्चों के लिए पढ़ाई के लिए सही स्थान बहुत महत्वपूर्ण है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, बच्चों की अध्ययन करने की जगह साफ, स्वच्छ और शांत होनी चाहिए. पढ़ाई करते समय उचित दिशा बहुत महत्वपूर्ण है. वे अच्छे प्रकार से अपने अध्ययन को समझने में सक्षम होते हैं जब उनकी डेस्क या कक्षा की दिशा उचित होती है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, विभिन्न रंगों का प्रयोग बच्चों की ध्यान और अध्ययन को प्रभावित कर सकता है. शांत और प्रोत्साहक रंगों का उपयोग करना उनकी उत्सुकता को बढ़ा सकता है. बच्चों के अध्ययन के लिए सामग्री और किताबें सही तरीके से व्यवस्थित होनी चाहिए. वे अध्ययन करते समय अपनी जगह पर होने से स्थिरता महसूस करते हैं और अधिक अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं. वास्तुशास्त्र का पालन करके बच्चों की पढ़ाई में समृद्धि और सफलता की संभावना बढ़ाती है.

पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशाओं को बच्चों के लिए पढ़ाई के लिए सबसे शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ अन्य दिशाओं में भी पढ़ाई की जा सकती है, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए. 


पूर्व दिशा: सूर्योदय की दिशा होने के कारण, ज्ञान, ऊर्जा और एकाग्रता प्रदान करती है. अगर बच्चा सुबह जल्दी उठकर पढ़ता है, तो यह दिशा सबसे अच्छी है.

उत्तर-पूर्व दिशा: बुध ग्रह की दिशा, जो बुद्धि, स्मरण शक्ति और सीखने से जुड़ा हुआ है. बच्चे को रटने में परेशानी होती है, तो यह दिशा मददगार हो सकती है.

पश्चिम दिशा: सूर्यास्त की दिशा होने के कारण, रचनात्मकता और कल्पना शक्ति को बढ़ावा देती है. कला या संगीत में रुचि रखता है, तो यह दिशा उपयुक्त हो सकती है.

दक्षिण दिशा: यमराज की दिशा, जिसे मृत्यु का देवता माना जाता है. पढ़ाई के लिए यह दिशा कम अनुकूल मानी जाती है.

स्टडी रूम को साफ, सुव्यवस्थित और हवादार रखें. प्राकृतिक प्रकाश आने दें, देवी सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति रखें और नीले रंग का प्रयोग करें. अध्ययन कक्ष में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रहें. पढ़ाई करते समय आरामदायक कपड़े पहनें और पर्याप्त पानी पीएं. पढ़ाई के दौरान नियमित रूप से छोटे ब्रेक लें. हर बच्चा अलग होता है और उसके लिए सबसे अच्छी दिशा अलग-अलग हो सकती है. अगर आप अपने बच्चे के लिए सबसे सही दिशा खोजने में असुरक्षित महसूस करते हैं, तो आप किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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