Mesh Sankranti 2024: मेष संक्रांति पर बन रहे हैं ये दुर्लभ योग, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
Mesh Sankranti 2024: मेष संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो सूर्य के मेष राशि में प्रवेश का प्रतीक है. यह आमतौर पर हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है। मेष संक्रांति को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है.
New Delhi:
Mesh Sankranti 2024: मेष संक्रांति, हिन्दू पंचांग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को मनाई जाती है. यह दिन हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन को मेष संक्रांति के रूप में जाना जाता है क्योंकि सूर्य उस समय मेष राशि में प्रवेश करता है. इसे ब्रह्मांड में एक नया साल के रूप में माना जाता है और इस दिन को नव वर्ष की शुरुआत माना जाता है. इस दिन धार्मिक और सामाजिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और अच्छे कामों का आरंभ करते हैं. यह दिन समृद्धि, सौभाग्य, और सफलता के लिए शुभ माना जाता है.
कब है मेष संक्रांति
मेष संक्रांति 13 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. सूर्य देव 13 अप्रैल को देर रात 09 बजकर 40 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है. इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि वैशाख संक्रांति, विषुवत संक्रांति, और नव वर्ष. इस दिन लोग स्नान, दान, और पूजा करते हैं. कुछ लोग व्रत भी रखते हैं. मेष संक्रांति को नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है.
तिथि: 13 अप्रैल 2024
समय: 09:40 PM (IST)
मुहूर्त:
पुण्यकाल: 07:53 AM - 09:40 PM (IST)
महापुण्यकाल: 08:34 AM - 09:40 PM (IST)
विशेष योग: रवि योग
महत्व: सूर्य के मेष राशि में प्रवेश का प्रतीक माना जाता है. कुछ संप्रदायों में इसे हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है. ये स्नान, दान, और पूजा का दिन होता है और कुछ लोग व्रत भी रखते हैं.
मेष संक्रांति के के दिन क्या करें
हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग मेष संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं. दान करते हैं, जैसे कि अनाज, कपड़े, और धन. सूर्य देव की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं. ज्यादातर लोग इस दिन त्योहार मनाते हैं, जैसे कि गाने, बजाने, और नृत्य करना. मेष संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो नए साल की शुरुआत का प्रतीक है. यह एक समय है जब लोग खुशी मनाते हैं और भगवान सूर्य को धन्यवाद देते हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
यह भी पढ़ें: Samudra Shastra: दाएं या बाएं किस पैर में खुजली दिलाती है नौकरी में प्रमोशन
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ या अशुभ? कहीं आप तो नहीं कर रहें ये गलती
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक