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Chanakya Niti About Daan: इन जगहों पर दिल खोलकर खर्च करेंगे पैसा, प्रसन्न होंगे ईश्वर और वापिस मिलेगा दोगुना

आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि हमें किन मामलों में पैसों की कंजूसी से बचना चाहिए. तो, चलिए जान लें वे कौन-सी जगहें हैं जहां पैसा खर्च (money spends in Chanakya Niti) करते समय सोचन

Updated on: 22 Aug 2022, 10:24 AM

नई दिल्ली:

आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) को अर्थशास्‍त्र और नीतिशास्‍त्र का जनक माना जाता है. उन्होंने अपने ज्ञान और नीतियों से इतिहास की धारा को ही बदलकर रख दिया. चाणक्य को न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर विषय का भी गहन ज्ञान और अंतर्दृष्टि थी. उन्होंने जीवन जीने के भी कई पहलुओं के बारे में बताया है. नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति (chanakya niti) में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है. उनकी बौद्धिक शक्ति से पूरे नंदवंश का नाश करके एक साधारण से बालके को राजगद्दी पर बैठा दिया था. 

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अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करने वाले आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई ऐसी बातों का उल्लेख किया है जिन्हें अपनाकर (Chanakya Niti rules) कोई भी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है. उनकी नीतियां आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि हमें किन मामलों में पैसों की कंजूसी से बचना चाहिए. तो, चलिए जान लें वे कौन-सी जगहें हैं जहां पैसा खर्च (money spends in Chanakya Niti) करते समय सोचना नहीं चाहिए.    

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गरीबों की मदद -

आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार, हमें हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहना चाहिए. ऐसा करने से हमें खूब पुण्य मिलता है. ऐसा करने से गरीब और जरूरतमंदों की दुआएं हमेशा असर करती हैं. इसलिए, ये नेक काम करने का फल भी आपको निश्चित ही प्राप्त होता है. आप उनके बच्चों की शिक्षा या पालन, पोषण के लिए आर्थिक सहायता (help poor people) दे सकते हैं.  

धार्मिक स्थलों पर दान देना -

चाणक्य नीति के मुताबिक, कभी भी धार्मिक स्थलों को दान देने से पीछे नहीं हटना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर या किसी पवित्र स्थल को दान देने से हमें बहुत पुण्य मिलता है. जीवन में सकारात्मकता आती है. इस तरह का दान करके हम ना सिर्फ वहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलने में मदद करते हैं, बल्कि सैकड़ों भूखे लोगों का पेट (donation at religious places) भी भर सकते हैं.    

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बीमारी में करें मदद -

आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपने सामर्थ के अनुसार, जहां तक संभव हो सके बीमार लोगों की मदद करनी चाहिए. इससे एक इंसान को स्वस्थ जीवन मिलेगा और साथ ही समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा. ऐसे लोगों से ईश्वर हमेशा प्रसन्न रहते हैं. ऐसे मामलों में अक्सर आप कई बार मदद न करके पछताते हैं. इस मामले में हमें कभी भी कंजूसी (help in diseases) नहीं करनी चाहिए.       

सामाजिक कार्यों में सहयोग -

आचार्य चाणक्य की नीति में कहा गया है कि अपनी इनकम का एक हिस्सा सामाजिक विकास कार्यों में जरूर लगाना चाहिए. इसके लिए आप अस्पताल या स्कूल वगैराह में अपनी क्षमता के अनुसार फंड दे सकते हैं. इससे न सिर्फ आपका मान-सम्मान बढ़ता है. बल्कि लोगों की दुआओं से भाग्योदय भी होता है. इस तरह के कार्य लोगों (help in social work) को जरूर करने चाहिए.