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Lingaraja Temple: क्या है ओडिशा के लिंगराजा मंदिर का इतिहास, जानें इसका धार्मिक महत्व

Lingaraja Temple: लिंगराज मंदिर (Lingaraja Temple) उड़ीसा में स्थित एक अद्भुत और पवित्र स्थान है. यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. आइए जानें क्या है इस मंदिर का महत्व और इतिहास

Updated on: 07 Mar 2024, 03:16 PM

नई दिल्ली:

Lingaraja Temple: लिंगराजा मंदिर (Lingaraja Temple) उड़ीसा में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है जो उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है. यह मंदिर शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है और यह हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण स्थल है. लिंगराजा मंदिर का निर्माण करीब 11वीं सदी में शुरू हुआ था, और इसका निर्माण महान सोमवंशी राजा जाजतंग के शासनकाल में सम्पन्न हुआ था. यह मंदिर कलाकृति शैली में निर्मित है और उड़ीसा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है. मंदिर का मुख्य गोपुरम 55 मीटर की ऊँचाई में है और इसमें अनेक अद्भुत कार्विंग्स और सुन्दर विवरण हैं. मंदिर की मूर्तियाँ, विमान, और गणेश पूजा के स्थानों के लिए इसे भारतीय स्थापत्य शैली की अद्वितीय कृति माना जाता है. लिंगराजा मंदिर भुवनेश्वर का प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहाँ सालाना लाखों यात्री और भक्त आते हैं शिव की पूजा और अर्चना करने के लिए.

इतिहास और महत्व

 लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर, उड़ीसा में स्थित, भगवान शिव को समर्पित एक भव्य और पवित्र मंदिर है. यह मंदिर भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में सोमवंशी राजा अनंतवर्मन चोडगंगा द्वारा किया गया था. मंदिर के निर्माण में लगभग 150 वर्ष लगे और यह उड़ीसा के कला और संस्कृति का प्रतीक बन गया. लिंगराज मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, जो भगवान शिव के स्वयंभू रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

वास्तुकला और दर्शन

लिंगराज मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर कलिंग शैली में बनाया गया है, जो अपनी विशिष्ट नक्काशी और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. मंदिर का मुख्य द्वार सिंह द्वार के नाम से जाना जाता है, जो दो विशाल सिंहों की मूर्तियों से अलंकृत है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का लिंग स्थापित है, जिसे 'स्वयंभू लिंग' कहा जाता है. मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां भी हैं, जिनमें भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान नंदी, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं.

धार्मिक महत्व और उत्सव

लिंगराज मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. हर साल लाखों भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए इस मंदिर में आते हैं. मंदिर में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, रथ यात्रा, और नवरात्रि शामिल हैं. महाशिवरात्रि के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, और लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

पर्यटन और आकर्षण

लिंगराज मंदिर न केवल धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि पर्यटन के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है. मंदिर की अद्भुत वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और उत्सवों के कारण, यह पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय आकर्षण बन गया है. मंदिर के आसपास कई अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर, उड़ीसा में स्थित, एक अद्भुत और पवित्र स्थान है. यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. अगर आप उड़ीसा यात्रा कर रहे हैं, तो लिंगराज मंदिर की यात्रा करना सुनिश्चित करें. यह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा. मंदिर के विशाल द्वार, सिंह द्वार, से प्रवेश करते ही, आप एक विशाल प्रांगण में प्रवेश करते हैं. प्रांगण के चारों ओर कई मंदिर और मूर्तियां हैं, जो भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं. मंदिर का मुख्य शिखर 150 फीट ऊँचा है और यह अपनी अद्भुत नक्काशी और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. शिखर पर भगवान शिव के त्रिशूल का चिन्ह है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)