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Happy Teachers Day 2023: एक गुरु ने चोर को कैसे बनाया राजा का उत्तराधिकारी, जाने ये रोचक कहानी 

Happy Teachers Day 2023: टीचर्स डे के खास मौके पर जानिए गुरु और चोर की ऐसी कहानी, जिसमें गुरु का ज्ञान पाकर चोर एक राजा का उत्तराधिकारी बन गया...

Updated on: 05 Sep 2023, 06:44 AM

नई दिल्ली:

Happy Teachers Day 2023: कहते हैं गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अंजान, गुरु बिन इन्द्रिय न सधें, गुरु बिन बढ़े न शान। आज इसी दोहे पर आधारित एक ऐसी कहानी आपको बता रहे हैं जिससे एक चोर भी राजा का पुत्र बन गया था. गुरुओं से जुड़ी इस कहानी का अर्थ आपको उनका और आदर-सम्मान करना सिखा देगा. गुरु सिर्फ ज्ञान ही नहीं देते वो आपका मार्गदर्शन करते हैं आपको सही रहा दिखाते हैं. उस पर चलना सिखाते है जिसकी मदद से आप जीवन में शान और मान सम्मान  पाते हैं. तो आज टीचर्स डे (Teachers Day) के खास मौके पर हम आपको गुरु और उसके चोर शिष्य की बेहद रोचक कहानी बताना जा रहे हैं. 

चोर ने संत को कैसे गुरु बनाया

एक बार की बात है एक गांव में ऐसे गुरु थे जिनकी बात सब मानते हैं. चोर के साथ भी कुछ ऐसा हुआ कि वो गुरु का मान सम्मान करने लगा. चोर ने कहा कि मैं भी आपको गुरु मानना चाहता हूं. लेकिन मैं चोरी करना नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि ये मेरा काम है. गुरु ने कहा ठीक है लेकिन तुम मेरी बातों को मानोगे तभी मैं तुम्हें अपना शिष्य बनाऊंगा. चोर ने कहा ठीक है आप कहिए आप जो कहेंगे मैं वही करुंगा. गुरु ने कहा आज के बाद तुम सभी महिलाओं को अपनी माता और बहन के समान मानोगे, उनका आदर सत्कार करोगे और उन्हें कभी कोई हानि नहीं पहुंचाओगे. चोर ने कहा ठीक है, और वो अपने काम पर चल दिया 

जब चोर राजा के महल में चोरी करने पहुंचा

इसी गांव के पास एक राजा का महल था जहां वो अपनी रानी के साथ रहते थे लेकिन रानी कोई संतान नहीं हो रही थी जिससे नाराज़ होकर राजा ने रानी को महल के दूसरे भाग में अपने से दूर भेज दिया. राजा तो संतान ना होने का दुख झेल ही रहा था लेकिन रानी अपने राजा से दूर होने के दुख में ज्यादा परेशान थी. एक रात यही चोर महल में चोरी करने घुसा. वो रानी के महल में जैसे ही पहुंचा उसे रानी और सिपाहियों ने देख लिया. 

सिपाही राजा को खबर देने गए. चोर ने देखा रानी बहुत दुखी है. रानी ने चोर से कहा तुम यहां कैसे आए हो. चोर ने कहा मैं अपने घोड़े में यहां चोरी करने आया हूं. रानी ने कहा तुम मेरा एक काम कर दो मैं तुम्हारे छोड़े में सोने-चांदी सब भरवा दूंगी. बस तुम मेरी इच्छी पूरी कर दो.

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जैसे ही रानी ने चोर से ये कहा चोर को गुरु की बात याद आ गयी कि वो महिलाओं का सम्मान करेगा और उन्हें अपनी माता और बहन मानेगा. चोर रानी को देखकर भागा नहीं बल्कि उसे दुखी देखकर रुक गया. चोर ने रानी से कहा कि आप मेरी माता समान हैं आप मुझे अपना पुत्र समझकर अपनी इच्छा बताएं अगर मैं उसे करने में सक्षम हुआ तो जरुर पूरी करुंगा. 

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चोर की बात सुनकर राजा ने उसे दरबार में बुलाया

जब चोर और रानी ये बात कर रहे थे तब राजा ये सब सुन रहे थे. चोर का रानी को सम्मान देना राजा को इतना पसंद आया कि उन्होंने चोर को दरबार में बुलवा लिया. 

दरबार में राजा ने चोर से कहा कि मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं, तुम मांगो और जो कहो मैं वो तुम्हें दूंगा. चोर ने राजा से कहा कि आप महारानी को अपने महल में वापस बुला लें. वो आपसे दूर रहकर दुखी हैं. राजा चोर की ओर देखकर मुस्कराए और उन्होंने रानी को वापस महल में बुला लिया. इतना ही नहीं महारानी से राजा ने अपने किए की क्षमा मांगी. रानी ने राजा से कहा कि हम इस चोर को ही अपना पुत्र बना लेते हैं. इसकी वजह से ही सब ठीक हुआ है. राजा भी ये बात मान गया और चोर को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. 

तो इस कहानी का अर्थ ये हुआ कि जो भी अपने गुरु की कही बात का मान रखता है उसे हमेशा सम्मान ही हासिल होता है. माता-पिता और भगवान से भी बड़ा दर्जा गुरु का होता है. तो इस साल टीचर्स डे (Teachers Day) पर आप भी ये संकल्प लें कि आप अपने गुरुओं द्वारा सिखायी गयी सभी बातों का पालन करेंगे. 

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