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Kharmas 2024: 14 मार्च से शुरू होने जा रहा है खरमास, होली से पहले इन कार्यों पर लगेगी रोक

Kharmas 2024: खरमास माह शुरू होने में बस अब कुछ ही दिनों का समय बाकी रह गया है. ज्योतिषियों की मानें तो होली से पहले इन शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी. आइए जानते हैं कब तक चलेगा खरमास माह.

Updated on: 13 Mar 2024, 02:01 PM

नई दिल्ली:

Kharmas 2024: हिंदू धर्म में खरमास शुभ नहीं माना जाता है. साल में खरमास 2 बार लगता है. ज्योतिषियों की मानें तो जब-जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तब-तब खरमास लगता है. इस दौरान सभी शुभ कार्य पर पांबदी लग जाती है. ज्योतिषियों के अनुसार, 14 मार्च 2024 को सूर्य देव दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं मार्च 2024 में कब से शुरू हो रहा है खरमास साथ ही जानिए इस दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं. 

14 मार्च से शुरू होगा खरमास

ज्योतिष की मानें तो 14 मार्च से खरमास की शुरुआत होने जा रही है. आपको बता दें कि जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है. 
ऐसे में ज्योतिष के अनुसार इस बार सूर्य देव 14 मार्च 2024 को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे.

कब खत्म होगा खरमास

ज्योतिष की मानें तो 13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास अवधि की समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 13 अप्रेल 2024 तक खरमास माह चलेगा. 

खरमास पर क्या करें क्या नहीं?

आमतौर पर लोग खरमास के दौरान शादी के बंधन में बंधने से बचते हैं, उनका मानना ​​है कि इससे सुख-समृद्धि और खुशियां चली जाती हैं. इसके अलावा, इस महीने में मुंडन और जनेऊ जैसे कार्यों को करने से बचना चाहिए.वहींखरमास के दौरान कई लोग शराब और मांसाहार का सेवन भी नहीं करते हैं. हालांकि, यह महीना उन लोगों के लिए सबसे अच्छा समय है जिनकी कुंडली में पितृ दोष है.  ऐसे व्यक्ति अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोज करा सकते हैं और उन्हें कपड़े और भोजन दे सकते हैं.  खरमास के दौरान सूर्य को जल देना, पवित्र स्नान करना और मंत्रों का जाप करना कुछ ऐसे काम हैं जो लोग करते हैं. 

इन मंत्रों का जरूर करें जाप 

ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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