छठ महापर्व का आज दूसरा दिन, जाने कैसे मनाया जाता है खरना का व्रत
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरूआत शुक्रवार को हो चुकी है।
नई दिल्ली:
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। आज छठ पर्व के दूसरे दिन खरना का आयोजन शाम में होगा। इस दिन व्रतधारी दिन भर अन्न जल ग्रहण किए बिना उपवास करती हैं और शाम में भगवान सूर्य को खीर-पूड़ी, पान-सुपारी और केले का भोग लगाने के बाद प्रसाद बांटा जाता है।
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खास तरीके से बनाया जाता है प्रसाद
शनिवार की सुबह से 12 घंटे का निर्जला खरना व्रत आरंभ होता है। शाम में छठी मइया की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है। खरना के दिन खीर के प्रसाद का खास महत्व है और इसे तैयार करने का तरीका भी अलग है।
मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर खीर तैयार की जाती है। मिट्टी के नये चूल्हे पर दूध, गुड़ व आरव के चावल से खीर और गेहूं के आटे की रोटी का प्रसाद बनाया जाएगा। प्रसाद बन जाने के बाद शाम को सूर्य की आराधना कर उन्हें भोग लगाया जाता है और फिर व्रतधारी प्रसाद ग्रहण करती है।
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आवाज करने की होती है मनाही
इस पूरी प्रक्रिया में नियम का विशेष महत्व होता है। शाम में प्रसाद ग्रहण करने के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कहीं से कोई आवाज नहीं आए। ऐसा होने पर खाना छोड़कर उठना पड़ता है। इसलिए व्रती को एकांत में जाकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
शुरू होगा 36 घंटे का व्रत
यह अनुष्ठान जितना आध्यात्मिक है, उतना ही सामाजिक सरोकारों से लबरेज भी। लोग प्रसाद ग्रहण करने बिना किसी भेदभाव और बुलावे के व्रती के घर पहुंचते हैं। इसके बाद निर्जला उपवास शुरू होगा। रविवार को भगवान भाष्कर को पहला अर्घ्य शाम में दिया जाएगा और फिर सोमवार को सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पर्व संपन्न हो जाएगा।
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