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राजस्थान: ससुराल में 'शौचालय' नहीं होने पर महिला ने दिया पति को तलाक, कई महिलाएं उठा चुकी हैं बड़ा कदम

राजस्थान के एक फैमिली कोर्ट ने शौचालय नहीं होने को क्रूरता मानते एक महिला द्वारा दायर की गई तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया है।

Updated on: 20 Aug 2017, 02:33 PM

highlights

  • घर में शौचालय नहीं होना महिला के साथ क्रूरता: कोर्ट
  • कोर्ट ने तलाक की अर्जी को मंजूर कर ली है
  • महिला ने ससुराल में शौचालय नहीं होने पर कोर्ट में तलाक की अर्जी डाल थी

नई दिल्ली:

शादी में तनाव या पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध नहीं होने की वजह से तलाक होने की खबर तो सभी ने सुनी होंगी, लेकिन शौचालय नहीं होने के कारण तलाक लिया गया हो, ऐसा बहुत कम ही सुनने को मिलता है।

राजस्थान के भीलवाड़ा में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने ससुराल में शौचालय नहीं होने की वजह से कोर्ट में तलाक की अर्जी डाल दी।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने कहा, 'घर में शौचालय न होने की वजह से महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बहनों की गरिमा के लिए क्या हम एक शौचालय की भी व्यवस्था नहीं कर सकते? 21 वीं सदी में खुले में शौच की प्रथा हमारे समाज पर कलंक है।'

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, 'घर में शौचालय और निजी कमरा न होने की वजह से महिला को मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है।'

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क्या है पूरा मामला

राजस्थान के भीलवाड़ा की रहने वाली एक महिला की शादी साल 2011 में आटूण कलां पंचायत क्षेत्र में हुई थी। जब वह शादी कर के ससुराल आई तो देखा वहां ना तो कोई उसका निजी कमरा है और ना ही शौचालय।

महिला ने बताया कि उसने साल 2015 तक लगातार सुसराल वाले और पति से शौचालय बनवाने की मांग की क्योंकि बाहर जाने में शर्मिंदगी महसूस होती थी। लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद महिला तंग आकर साल 2015 में मायके आ गई।

दो साल से महिला अपने मायके (पिता का घर) में रह रही है। इसी आधार पर तलाक की अर्जी फैमिली कोर्ट में लगाई थी।

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आपको बता दें कि शौचालय नहीं होने की वजह से अपने पति से तलाक लेने वाली यह पहली महिला नहीं है बल्कि और भी ऐसी कई हिम्मती महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करते हुए पति से अलग होने का फैसला किया।

1. पश्चिम चम्पारण जिले के खोतहवा गांव का है। जहां एक नवविवाहिता ने ससुराल में शौचालय नहीं होने पर अपने पति को पंचायत बुलाकर तलाक दे दिया।

2. बिहार के वैशाली जिले की 25 साल की सुनीता देवी की शादी साल 2011 में धीरज चौधरी से हुई थी। सुनीता ने घर में शौचालय नहीं होने के कारण तलाक देने का फैसला लिया।

3.  साल 2011 में मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की आदिवासी महिला अनिता नर्रे ने शौचालय नहीं होने पर शादी के तुरंत बाद ही ससुराल छोड़ दिया था और शौचालय बनने के बाद ही मायके से ससुराल वापस आई थी।

4. मध्य प्रदेश में देवास जिले के मुंडलाना गांव की सविता की शादी आठ साल पहले भूमिहीन मजदूर देवकरण के साथ हुई थी। चार वर्ष तक किसी तरह असुविधाजनक स्थिति झेलने वाली सविता के लाख कहने पर भी जब शौचालय नहीं बन सका। ससुराल में शौचालय न होने के कारण सविता को खुले में शौच करने जाना पड़ता था, जो उसे गंवारा न था और उसने तलाक लेने का फैसला ले लिया।

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5. बिहार के बगहा के धनहा थाना क्षेत्र के खोतहवा गांव मे शादी के 45 ही दिनों बाद महिला ने अपने पति से शौचालय नहीं होने के कारण भरी पंचायत के सामने तलाक ले लिया।

6. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक महिला ने घर में शौचालय न होने पर अपने पति से तलाक ले लिया। एक साल पहले शादी कर ससुराल आई महिला को जब पता चला कि उसके घर में शौचालय नहीं है और फिर उसने तलाक लेने का फैसला ले लिया।

अक्षय की फिल्म में दिखाई गई समस्या

अक्षय कुमार की 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' फिल्म भी शौचालय पर आधारित है, जिसमें शादी के बाद ससुराल आई भूमि को घर में शौचालय नहीं मिलता। हर दिन उसे शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। जहां उसे कई मानसिक और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है। इसलिए वो इन सब से तंग आकर अपने पति का घर छोड़ देती है। 

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