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धूप ने की थी गांव में आने से आनाकानी...गुस्साए लोगों ने कर दिखाया ये कारनामा

एक गांव में धूप होने के बाद भी धूप नहीं आती थी. कई वर्षों तक ग्रामीण परेशान रहे लेकिन एक दिन गांव वालों ने ऐसा कारनामा किया कि वे सूर्य को धरती पर ले आये. आप पढ़कर हैरान हो गए न?

Updated on: 15 Apr 2024, 07:47 PM

नई दिल्ली:

अगर एक दिन, दो दिन या कुछ दिनों तक सूरज न निकले तो हम और आप परेशान हो जाते हैं. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को जीवन भर सूरज की रोशनी न मिले तो उस व्यक्ति पर क्या बीत रही होगी. आज हम आपको एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे. धरती पर एक ऐसा गांव है जहां सूरज की रोशनी तो है लेकिन गांव तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती है. उस गांव के लोग कई सालों तक परेशान रहे लेकिन समय बदला और वहां रहने वाले लोगों ने सूरज को धरती पर ला दिया. 

इस तरह सूरज जमीन पर उतरा

आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सा गांव है और वहां के लोगों ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की. विग्नेला गांव स्विट्जरलैंड और इटली के बीच स्थित है, जो ऐसी जगह पर स्थित है जहां सूरज की रोशनी नहीं आती है. ऐसे में वहां के लोग काफी परेशान हो गए और समस्या इतनी बढ़ गई कि एक दिन गांव वालों ने इसका समाधान निकाल लिया. वाइस न्यूज के मुताबिक, साल 1999 में विगनेला के ही एक स्थानीय आर्किटेक्ट जियाकोमा बोंजानी ने यहां के चर्च की दीवार पर एक धूपघड़ी लगाने प्रस्ताव रखा लेकिन इस समाधान से गांव में धूप नहीं आने वाला था तो मेयर ने इसे खारिज कर दिया. मेयर ने सलाह दिया कि कुछ ऐसा बनाओं कि गांव में पूरे साल धूप रहे.

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पूरे प्रोजेक्ट पर खर्च हुए 1 करोड़

गांव के बोन्ज़ानी ने इंजीनियर जियानी फेरारी के साथ मिलकर एक बड़ा मिरर तैयार किया, जिसकी लंबाई 8×4 मीटर है. इसमें ऐसी सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग भी की गई थी. जिसके कारण दर्पण सूर्य की रोशनी के साथ घूमता है. इस तरह ऊंची चोटी पर लगा यह शीशा गांव को दिन में 6 घंटे सूरज की रोशनी मुहैया कराता है. यानी आप ये कह सकते हैं कि सूरज को गांव वालों ने जमीन पर ला दिया.  जानकारी के मुताबिक, इस शीशा को बनाने में लगभग एक करोड़ रुपये खर्च हुए थे. आज की तारीख में लोग इस दर्पण को देखने के लिए जाते हैं.