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यूनिटेक पर सरकार के कब्जे का रास्ता साफ, NCLT ने भंग किया कंपनी बोर्ड-शेयरों में जबरदस्त उछाल

नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने यूनिटेक को झटका देते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी के बोर्ड में नियुक्त किए जाने वाले 10 निदेशकों के नाम के बारे में सुझाव देने का आदेश दिया है।

Updated on: 08 Dec 2017, 10:52 PM

highlights

  • NCLT के आदेश के बाद रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक पर सरकारी कब्जे का रास्ता साफ
  • ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद कंपनी के शेयरों में जबरदस्त 20 फीसदी की उछाल

नई दिल्ली:

नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने यूनिटेक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी के बोर्ड में नियुक्त किए जाने वाले 10 निदेशकों के नाम के बारे में सुझाव देने का आदेश दिया है।

फंड की हेराफेरी और कुप्रबंधन के मामले में एनसीएलटी ने कंपनी के आठों निदेशकों को निलंबित करते हुए 20 दिसंबर तक सरकार को कंपनी के बोर्ड में 10 प्रतिनिधियों को नियुक्त किए जाने का आदेश दिया है।

केंद्र सरकार ने कंपनी पर कब्जा करने की याचिका दी थी, जिसके खिलाफ यूनिटेक ने एनसीएलटी में अपील की थी। 

एनसीएलटी के इस आदेश के कंपनी के शेयरों में 20 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई।

सरकार को कंपनी के बोर्ड में निदेशकों की नियुक्ति का आदेश दिए जाने के बाद बीएसई और एनएसई में कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लगा रहा।

आखिर में कंपनी का शेयर 19.90 फीसदी की उछाल के साथ 7.29 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एनएसई में कंपनी का शेयर 19.67 फीसदी की उछाल के साथ 7.30 रुपये पर बंद हुआ, जो इसका अपर सर्किट बैंड है।

करीब 20,000 घर के खरीदारों और 51,000 जमाकर्ताओं के हितों को देखते हुए सरकार ने कंपनी का मालिकाना हक लेने के लिए एनसीएलटी में अपील की है। कंपनी पर करीब 723 करोड़ रुपये का बकाया है।

इसके साथ ही एनसीएलटी ने कंपनी के आठों निलंबित निदेशकों के निजी और कंपनी की संपत्ति को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सरकार की तरफ से ट्रिब्यूनल में पेश हुए एडीशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने कहा, 'हम इस कंपनी को दीवालिया होने की प्रक्रिया में जाने से रोकना चाहते हैं वरना 19,000 घर के खरीदारों के हाथ कुछ नहीं लगेगा।'

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एनसीएलटी ने कहा कि यूनिटेक के नए निदेशक सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों का पालन करेंगे। ट्रिब्यूनल ने यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा को भी जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

यूनिटेक ने कहा था कि सरकार ने कंपनी के खिलाफ किसी भी प्रकार की जबरन कार्रवाई के बारे में कोर्ट को सूचित नहीं किया है।

गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा को निवेशकों से पैसे लेने के बावजूद प्रॉजेक्ट्स पर काम नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।

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