Engineers day 2023: 15 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे, जानें इसका इतिहास
Engineers day 2023: आज 15 सितंबर को भारत के अलावा श्रीलंका और अफ्रीकी देश तंजानिया में मनाया जाता है. जानें इसके पीछे की कहानी.
नई दिल्ली:
Engineers day 2023: किसी भी देश के विकास के लिए इंजीनियर्स की भूमिका काफी अहम होती है. ये इंजीनियर्स ही होते हैं जो बड़ी-बड़ी बिल्डिंग, रेलवे, मेट्रो, टीवी, मोबाइल, रोबोट्स यहां तक की प्यूचरस्टीक साइंटीस्ट भी इंजीनियर्स हो होते हैं. इन इंजीनियर्स के सेवा भाव को देखते हुए इंजीनियर्स डे या अभियंता दिवस मनाया जाता है. आज 15 सिंतबर के दिन हर साल हेप्पी इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते है कि इस क्यों और किस लिए मनाया जाता है. ये दिवस आज के दिन ही क्यों मनाया जाता है. इस बात की जानकारी आज हम अपने इस आर्टिकल के जरिए देंगे.
1955 में भारत रत्न
सभी इंजीनियर्स को सम्मान देने के लिए देश भर में आज 15 सितंबर के दिन इंजीनियर्स डे मनाया जा रहा है. आज के दिन इंजीनियर्स डे भारत के अलावा श्रीलंका और अफ्रीकी देश तंजानिया में भी मनाया जाता है. आज के दिन भारत रत्न से सम्मानित देश के मशहूर इंजीनियर एम विश्वैश्वरैया का जन्म हुआ था. विश्वैश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 में मैसूर राज्य के चिक्काबल्लापुर में हुआ था. उन्होंने आधुनिक मैसूर की नींव रखी थी. विश्वैश्वरैया साहब ने ब्रिटिश सरकार में सिविल इंजीनियर के रूप में काम किया इसके बाद वो मैसूर राज्य के पीएम के रूप में काम की. उनके मैसूर राज्य के लिए काम देश के सेवा के समर्पन के लिए 1955 में भारत सरकार की ओर से भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया.
उनका करियर
विश्वैश्वरैया के परिवार का तालुक आंध्रप्रदेश से है लेकिन उनके जन्म के 3 शताब्दी पहले मैसूर चले गए. इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा बेंगलुरु से की वहीं बीएससी की डिग्री मद्रास युनिवर्सिटी से प्राप्त की. इसके बाद वो इसके बाद वो पुणे के इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. अपने करियर की शुरुआत बॉम्बे प्रेसिडेंसी से की बाद में ब्रिटिश सरकार के लिए मिडिल ईस्ट में काम की. इसके बाद वो हैदराबाद राज्य के लिए काम किया. उन्होंने पानी रिजर्व करने के लिए डैम में तकनीक लगाई जिसे बाद में कई डैम में इस्तेमाल किया गया. इसके लिए उन्होंने पेटेंट भी कराया.
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