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Live in relationship Law: भारत में लिव-इन में रहने वाले लोगों के लिए क्या हैं कानूनी अधिकार?

भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन कुछ कानूनों के तहत लिव-इन पार्टनर्स को कुछ अधिकार मिल सकते हैं.

Updated on: 06 Mar 2024, 07:08 AM

नई दिल्ली:

भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन कुछ कानूनों के तहत लिव-इन पार्टनर्स को कुछ अधिकार मिल सकते हैं.लिव-इन रिलेशनशिप एक सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथा है जिसमें दो लोग एक साथ रहते हैं और साझा जीवन बिताते हैं, बिना विवाह के यह आधुनिक समाज में एक प्रमुख सामाजिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य रिलेशनशिप बन गया है. यह समर्थन और समझौते पर आधारित होता है और दोनों पार्टनरों के बीच संविनमय संबंधों को बढ़ावा देता है. 

इन कानूनों में शामिल हैं:

संविधान का अनुच्छेद 21: यह अनुच्छेद सभी नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है.लिव-इन पार्टनर्स को भी यह अधिकार है.
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005: यह अधिनियम लिव-इन पार्टनर्स को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है.
संरक्षण of Women from Domestic Violence Act, 2005: यह अधिनियम लिव-इन पार्टनर्स को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए: यह धारा पति या पति के रिश्तेदारों द्वारा महिला के साथ क्रूरता करने के लिए दंड का प्रावधान करती है.लिव-इन पार्टनर्स भी इस धारा के तहत सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
अनुबंध कानून: यदि लिव-इन पार्टनर्स ने कोई लिखित समझौता किया है, तो वे अनुबंध कानून के तहत अपने अधिकारों का दावा कर सकते हैं.

लिव-इन पार्टनर्स को शादीशुदा जोड़ों के समान सभी अधिकार नहीं मिलते हैं.उन्हें विरासत, संपत्ति, और गुजारा भत्ता जैसे मामलों में अधिकारों के लिए लड़ना पड़ सकता है.

लिव-इन में रहने के कुछ कानूनी पहलू:

संपत्ति: यदि लिव-इन पार्टनर्स ने संयुक्त रूप से संपत्ति खरीदी है, तो वे संपत्ति के अधिकारों के लिए समान रूप से हकदार होंगे.
गुजारा भत्ता: यदि कोई लिव-इन पार्टनर दूसरे पर आश्रित है, तो वे गुजारा भत्ता के लिए दावा कर सकते हैं.
बच्चे: यदि लिव-इन पार्टनर्स के बच्चे हैं, तो बच्चे के अधिकारों के लिए कानूनी लड़ाई हो सकती है.

लिव-इन में रहने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना:

लिखित समझौता: लिव-इन में रहने से पहले, लिखित समझौता करना एक अच्छा विचार है.इस समझौते में संपत्ति, गुजारा भत्ता, और बच्चों के अधिकारों जैसे मामलों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
कानूनी सलाह: लिव-इन में रहने से पहले, कानूनी सलाह लेना एक अच्छा विचार है.यह आपको अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने में मदद करेगा.

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है.यह एक बड़ा निर्णय है जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है.