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नामांकन दाखिल करने के बाद नायडू ने कहा, संसदीय प्रणाली को मजबूत करना मेरा लक्ष्य

मंगलवार को संसद में उप-राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि उनका प्रयास संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को और मजबूत करना होगा, जो भारत की ताकत और खूबसूरती है।

Updated on: 18 Jul 2017, 03:17 PM

highlights

  • 1978 और 1983 में आंध्रप्रदेश के नेलौर जिले के उदयगिरि विधानसभा से लगातार विधायक चुने गए
  • नायडू ने 2002 से 2004 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार भी संभाल चुके हैं
  • छात्र नेता और कुशल वक्ता के रूप में राजनीति में अपनी धाक जमाई

नई दिल्ली:

मंगलवार को संसद में उप-राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि उनका प्रयास संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को और मजबूत करना होगा, जो भारत की ताकत और खूबसूरती है।

भारत के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने के बाद नायडू ने कहा कि वह पिछले चार दशक से लगातार सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रूप से व्यस्त हैं। नायडू ने कहा, 'चुने जाने के बाद मैं संसद की परम्पराओं, माननीय पूर्व सभापतियों के आदर्शों और मर्यादाओं को बढ़ाने का काम करूँगा।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उप-राष्ट्रपति के कार्यालय की अलग प्रोफाइल और कार्यात्मक मानदण्ड होते हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं कामों के साथ न्याय करने योग्य हो पाऊंगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को धन्यवाद करते हुए नायडू ने कहा, उन्होंने हमेशा पार्टी को अपनी मां की तरह माना है, जो उन्हें इस स्तर पर पहुंचायी है। वे अपनी मां को युवावस्था में ही खो चुके थे। वेंकैया ने भावुक होते हुए कहा कि तकदीर ने उनके लिए कुछ और ही जमा कर रखी थी, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निकलना पड़ा है।

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नायडू ने कहा, 'मैंने अपने साथियों से कहा था कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में दोबारा आते देखना चाहता हूँ और फिर मैं पार्टी छोड़कर समाज सेवा में सक्रिय रहूंगा। लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंजूर थी। काफी बातचीत के बाद मैं सहमत हुआ। मैं खुद पार्टी से निकल गया हूँ, अब बीजेपी से मेरा संबंध नहीं है।'

नायडू अगले उप-राष्ट्रपति चुनाव में अपने विपक्षी उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी से मुकाबला करेंगे। बीजेपी के कद्दावर नेता रहे नायडू ने 2002 से 2004 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार भी संभाल चुके हैं।

किसानों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के मुद्दों पर, छात्र नेता और राजनीतिक व्यक्तित्व रहते हुए नायडू ने एक तेज- तर्रार वक्ता के रूप में प्रसिद्धि पाई।

अपने वक्तव्य क्षमता और राजनीतिक कार्यों ने उनके राजनीतिक करियर को बना दिया। वे 1978 और 1983 में आंध्रप्रदेश के नेलौर जिले के उदयगिरि विधानसभा से लगातार विधायक चुने गए। इसके बाद वे आंध्रप्रदेश में बीजेपी के प्रसिद्ध नेताओं में शुमार हो गए।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के कई सांगठनिक पदों को संभालने के बाद, वे 1998 में कर्नाटक से राज्यसभा सांसद चुने गए। वे दोबारा 2004 और 2010 में कर्नाटक से सांसद के रूप में चुनते आए हैं।

अगला उप-राष्ट्रपति चुनाव 5 अगस्त को होने जा रहा है।

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