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पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त, हम अंधे नहीं, कार्रवाई के लिए तैयार रहें

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि कार्रवाई के लिए तैयार रहें. हम अंधे नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि हम आपका माफीनाम स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

Updated on: 10 Apr 2024, 03:24 PM

नई दिल्ली:

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 अप्रैल) को बाबा रामदेव के दूसरे माफीनामे को खारिज करते हुए कहा आपने जान बूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि कार्रवाई के लिए तैयार रहें. हम अंधे नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि हम आपका माफीनाम स्वीकार नहीं कर रहे हैं. बेंच ने आगे कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है. बता दें, अब अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी. 

 सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टि कोहली ने कहा कि वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे, हम इसको जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं. इस हलफनामे को ठुकराते हैं, ये सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है. हम अंधे नहीं हैं, हमें सब दिखता है. वहीं, जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसको किसने तैयार किया है? मुझे तो हैरनी है. 

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गलतियां भुगतने के लिए तैयार रहें- सुप्रीम कोर्ट

इस पर सोलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां हो जाती हैं. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गलती होती है तो सजा भी मिलती है. उन्हें भुगतना भी पड़ता है, उन्हें तकलीफ भी उठानी पड़ती है.

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स लाइसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड किया जाए. ये लोग दबाव बनाते हैं और इसे स्वीकार भी कर लिया जाता है. कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले को मजाक बनाने की कोशिश की गई है. इनका कहना है कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जोड़े रखना है, मानो ये दुनिया में आयुर्वेदिक दवाएं लाने वाले पहले शख्स हों.