शिवसेना ने फिर साधा पीएम नरेंद्र मोदी और गडकरी पर निशाना, मजदूरों की वापसी को बनाया मुद्दा
शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार में पुणे और मुंबई जैसे स्मार्ट शहर (Smart City) बना लिए जाएं, तो देश की आर्थिक राजधानी का जनसंख्या घनत्व अपने आप कम हो जाएगा.
highlights
- शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में फिर घेरा गड़करी को.
- इशारों-इशारों में पीएम नरेंद्र मोदी पर भी कसा गहरा तंज.
- संपादकीय में प्रवासी मजदूरों की वापसी को बनाया आधार.
मुंबई:
मुंबई में भीड़ कम करने संबंधी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार में पुणे और मुंबई जैसे स्मार्ट शहर (Smart City) बना लिए जाएं, तो देश की आर्थिक राजधानी का जनसंख्या घनत्व अपने आप कम हो जाएगा. शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान अपने गृह प्रदेशों को गए करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर (Migrants) महाराष्ट्र लौट आए हैं, क्योंकि उनके पास वहां कोई काम नहीं है.
यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी ने तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा, देखें VIDEO
कोविड-19 से जंग में नहीं मिली केंद्र से उचित मदद
संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि मुंबई देश के राजकोष में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है, लेकिन कोविड-19 के खिलाफ जंग में उसे केंद्र से उचित आर्थिक सहायता नहीं प्राप्त हुई. गडकरी ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का संदर्भ देते हुए पिछले महीने कहा था कि मुंबई से भीड़ कम करने की जरूरत है क्योंकि घनी आबादी वाला यह शहर विनाशकारी परिणामों का सामना कर रहा है. इसके जवाब में शिवसेना ने सोमवार को कहा, 'अगर आप उत्तर प्रदेश और बिहार में मुंबई और पुणे जैसे स्मार्ट शहर बना लें, तो इन दोनों शहरों का जनसंख्या घनत्व अपने आप कम हो जाएगा. पहले उन राज्यों में रोजगार पैदा करना होगा.'
यह भी पढ़ेंः कोरोना मरीजों के लिए बनाया जाएगा प्लाज्मा बैंक, सभी को मिल सकेगा फायदा- सीएम केजरीवाल
वापस लौटे डेढ़ लाख प्रवासी मजदूर
मराठी दैनिक ने कहा कि अगर ये राज्य ज्यादा से ज्यादा मूलभूत अधोसंरचना खड़ी करें तो गडकरी की चिंता का अपने आप समाधान हो जाएगा. इसमें कहा गया करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान फिर महाराष्ट्र लौट आए हैं. उनके गृह राज्यों में उनके लिए कोई रोजगार नहीं है. इसका कारण यह है कि उन राज्यों में विकास अब तक नहीं पहुंचा है. संपादकीय में कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान करीब सात से आठ लाख प्रवासी मजदूर मुंबई से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा गए.
यह भी पढ़ेंः कराची में स्टॉक एक्सचेंज पर आतंकी हमला, चारों आतंकी समेत 5 नागरिक भी मरे
स्मार्ट सिटी पर कसा तंज
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, 'करीब तीन लाख लोग पुणे से गए और अब उन्होंने वापस आना शुरू कर दिया है. इसी कारण मुंबई और पुणे पर बोझ बढ़ रहा है.' इसमें कहा गया, 'यह साफ तौर पर दिखाता है कि कोरोना वायरस के खतरे से ऊपर भूख का खतरा है. लोग जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और नौकरी की तलाश में सफर कर रहे हैं.' शिवसेना ने पूछा कि केंद्र सकार ने जून 2015 में ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन शुरू किया था लेकिन इतने वर्षों में कितने शहर स्मार्ट सिटी बने?
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Met Gala 2024: फ्लोरल साड़ी.. मिनिमल मेकअप.. हेयर एसेसरी, कुछ यूं अदाएं बिखेरती नजर आईं आलिया भट्ट
-
Tansen: जब वो गाते थे तो सुरों की बारिश होती थी, पत्थर पानी बन जाते थे..अकबर के नौ रत्नों में से एक थे तानसेन
-
Kareena Kapoor religion: करीना कपूर का धर्म बदलवाना चाहते थें सैफ अली खान? एक्टर ने कहा- इस्लाम धर्म में..
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 7 May 2024: क्या है 7 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Vaishakh Amavasya 2024 Date: कब है वैशाख अमावस्या, 8 या 9 मई को? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Mulank 6 Numerology 2024: इस मूलांक वालों को मई में मिलेगी तरक्की लेकिन कार्यस्थल पर बढ़ेंगे विवाद
-
Badrinath Temple: खुलने वाले हैं श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानें यात्रा से जुड़ी हर बात