साक्षी मलिक के आरोपों पर WFI के नए चीफ संजय सिंह बोले, बृज भूषण का करीबी होना क्या अपराध है?
WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है कि जो खिलाड़ी प्रतियोगिता की तैयारी करना चाहते हैं, उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं जो राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं. यह उनका निजी मामला है.
नई दिल्ली:
WFI में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के जीतने के बाद विरोध जारी है. महिला पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती त्यागने के निर्णय के बाद शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पदक वापसी का ऐलान किया था. अब इस मामले में और भी खिलाड़ी जुट रहे हैं. इस बीच WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा, अगर वे उनके (बृज भूषण शरण सिंह) के करीबी हैं तो क्या यह अपराध है. पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने पर WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है कि जो लोग एथलीट हैं, उन्होंने तैयारी आरंभ कर दी है और जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं. यह उनका निजी मामला है. वे इस बारे में नहीं बोलेंंगे. वे 12 साल से महासंघ में है. उन्होंने कहा, मैं सांसद (बृज भूषण सिंह) का नजदीकी हूं, इसका अर्थ नहीं है कि वे एक डमी उम्मीदवार हैं. अगर मैं उनके करीब हूं तो क्या यह अपराध है.
साक्षी मलिक ने छोड़ी कुश्ती
आपको बता दें कि गुरुवार शाम को कुश्ती को छोड़ते हुए साक्षी ने कहा था कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई भागों से बहुत से लोगों ने हमारा समर्थन भी किया. यहां पर ऐसे लोग भी आए, जिनके पास खाने-कमाने को कुछ नहीं है. मगर हम नहीं जीत पाए, लेकिन आप सभी का धन्यवाद. उन्होंने कहा कि हमने पूरे दिल से ये लड़ाई लड़ी, लेकिन WFI का अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी संजय सिंह का चुनाव होता है. इसके बाद साक्षी ने अपने जूते उठाकर मेज पर रख दिए.
इस पर WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने पत्रकारों को सीधा जवाब न देते हुए कहा, 'उससे मेरे को क्या लेना-देना है भाई और वे वहां से निकल गए. आपको बता दें कि चुनाव से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह ने आश्वस्त होकर कहा था कि संजय सिंह ही जीतेंगे.
पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण का क्या कहना है
WFI के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह का कहना है कि कुछ मुद्दों के कारण देश में राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताएं 11 माह के रुक गई थीं. हमने 28 दिसंबर से 31 दिसंबर तक अंडर-15 और अंडर-20 कुश्ती प्रतियोगिताएं आयोजित करने की घोषणा की है. अगर ये प्रतियोगिताएं 31 दिसंबर के अंदर नहीं हुईं तो पहलवानों का पूरा साल प्रभावित होगा.
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