रजनीकांत ने बीजेपी के प्रचंड बहुमत को मोदी की जीत बताया, राहुल को इस्तीफा न देने की सलाह
रजनीकांत ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत को नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया है. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को नेहरू-इंदिरा जैसा कद्दावर नेता भी बताया.
highlights
- रजनीकांत ने नरेंद्र मोदी को बताया नेहरू-इंदिरा के कद का नेता.
- लोकसभा चुनाव में मिली आशातीत जीत को मोदी की जीत बताया.
- राहुल गांधी को इस्तीफा न देने की सलाह दे कहा मजबूत विपक्ष बनें.
नई दिल्ली.:
तमिल सिनेमा के सुपर स्टार रजनीकांत ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत को नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया है. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को नेहरू-इंदिरा जैसा कद्दावर नेता भी बताया. यही नहीं, उन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देने की सलाह देते हुए कहा कि वह अपना दम-खम सिद्ध करें. लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का होना भी बेहद जरूरी है.
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नेहरू-इंदिरा-राजीव सरीखे कद्दावर नेता हैं मोदी
गौरतलब है कि 30 मई को राष्ट्रपति भवन में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का न्योता रजनीकांत को भी मिला है. ऐसे में अपने घर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुपर स्टार रजनी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी चुंबकीय व्यक्तित्व और आकर्षण रखने वाले जमीनी नेता है. देश में पं. नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बाद मोदी उन्हीं के कद के जननेता हैं. लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत वास्तव में मोदी नाम की शख्सियत की जीत है. अन्ना, कलइग्नार और जयललिता के बाद इस जीत के हकदार मोदी ही हैं.'
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गोदावरी-कावेरी जल परियोजना पर गडकरी को सराहा
एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ करते हुए रजनीकांत ने कहा कि एनडीए की सरकार की प्रशंसा भी होनी चाहिए. खासकर नितिन गडकरी की जिन्होंने राज्य को गोदावरी-कावेरी जल परियोजना दी. इसके लिए उनकी सराहना होनी चाहिए. हालांकि एनडीए को विकास के क्रम में तमिलनाडु को अभी और गंभीरता से लेने की जरूरत है. केंद्र को राज्य में खाद्य आधारित उद्योगों और योजनाओं के बारे में सोचना होगा.
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राहुल गांधी को दी मजबूत विपक्ष बनने की सलाह
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे का जिक्र निकलने पर उन्होंने कहा, 'मैं नहीं मानता कि उनमें नेतृत्व क्षमता का अभाव है. एक युवा होने के नाते पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को साधने में मुश्किलें आती ही हैं. मेरा मानना है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपेक्षित परिश्रम नहीं किया. मेरी तो यही सलाह है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दें. वह अपने आपको सिद्ध करें. लोकतंत्र में मजबूत सत्ता पक्ष के सामने मजबूत विपक्ष का होना भी जरूरी है.'
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