भारत-चीन के बीच परिपक्वता से सुलझाए जा सकते हैं सीमाई मतभेद: पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री ने भारत-चीन संबंधों को दुनिया में स्थिरता का एक कारक करार देते हुए कहा कि सीमांत इलाकों में शांति एवं सद्भाव बनाए रखना, उस संवेदनशीलता और परिपक्वता का संकेत है, जिसके जरिए भारत और चीन अपने मतभेदों को मिटा सकते हैं, ताकि वे विवाद का रूप अख्तियार न कर पाएं।
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन अपने मतभेदों को संवेदनशीलता और परिपक्वता के साथ मिटा सकते हैं, ताकि ये मतभेद विवाद का रूप न ले सकें। प्रधानमंत्री ने यह विचार ऐसे समय में व्यक्त किया, जब चीनी रक्षामंत्री जनरल वेई फेंघे ने मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की।
पीएमओ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री ने भारत-चीन संबंधों को दुनिया में स्थिरता का एक कारक करार देते हुए कहा कि सीमांत इलाकों में शांति एवं सद्भाव बनाए रखना, उस संवेदनशीलता और परिपक्वता का संकेत है, जिसके जरिए भारत और चीन अपने मतभेदों को मिटा सकते हैं, ताकि वे विवाद का रूप अख्तियार न कर पाएं।'
मोदी ने भारत और चीन के बीच सभी क्षेत्रों में उच्चस्तरीय संपर्को में आई गतिशीलता की भी सराहना की। इन क्षेत्रों में रक्षा और सैन्य आदान-प्रदान शामिल हैं। बयान में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान, किंगदाओ और जोहानिसबर्ग में हाल में हुई बैठकों को भी याद किया।'
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के सैनिक सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में पिछले वर्ष 16 जून से 28 अगस्त के बीच आमने-सामने बने रहे थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने क्षेत्र में एक सड़क बनाने की कोशिश की थी।
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अंतत: यह गतिरोध कूटनीतिक प्रयासों के जरिए सुलझाया जा सका था।
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