पीएम मोदी ने नोटबंदी के गिनाए फायदे, कहा कालाधन कम करने में मिली मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी से हुए फायदों के आंकड़ों की भी जानकारी दी. जिसके मुताबिक, नोटबंदी के कारण दस लाख से अधिक कैश जमा करने वाले वे तीन लाख लोग चिन्हित हुए जो आइटी रिटर्न नहीं फाइल करते थे.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर रविवार को इसके तीन प्रमुख फायदे गिनाए. प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी को देश के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि इससे कालाधन को कम करने में काफी मदद मिली. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, डिमोनेटाइजेशन ने काले धन को कम करने, कर अनुपालन, औपचारिकता बढ़ाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद की है. ये नतीजे राष्ट्रीय प्रगति के लिए बहुत फायदेमंद रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी से हुए फायदों के आंकड़ों की भी जानकारी दी. जिसके मुताबिक, नोटबंदी के कारण दस लाख से अधिक कैश जमा करने वाले वे तीन लाख लोग चिन्हित हुए जो आइटी रिटर्न नहीं फाइल करते थे. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 की रात आठ बजे नोटबंदी का ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. बाद में सरकार ने पांच सौ और दो हजार के नए नोट जारी किए थे.
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'नोटबंदी' या 'नोटबदली'
आपको बता दें कि साल 2016 में 8 नवंबर की रात 12 बजे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों का टेंडर रद्द कर दिया था. पीएम मोदी ने इन नोटों की जगह 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. अगर हम एक तकनीकी तौर पर बात करें तो ये 'नोटबंदी' नहीं, बल्कि 'नोटबदली' थी. पीएम मोदी के इस कदम से देश के एक अरब से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. साल 2016 में पीएम मोदी के लिए गए इस फैसले को देश के इतिहास में सबसे ज्यादा असर डालने वाले आर्थिक नीतिगत फैसले के तौर पर जाना जाएगा.
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देशवासियों पर हुआ था नोटबंदी का ये असर
पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में नकदी का संकट आ गया था लोग पैसे निकालने के लिए बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लगाकर खड़े थे. देश के करोड़ो परिवारों के पास नकदी का संकट आ गया था. कितनी शादियां रद्द कर दी गईं, छोटे दुकानदारों को नकदी संकट के चलते अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं इसके अलावा देश की आर्थिक गतिविधियां भी बाधित हो गई थी. देश में नकदी का संकट खड़ा हो गया था. तत्कालीन स्टैंड अप कॉमेडियन देश में नकदी के हालात को लेकर नई नई पैरोडी बना रहे थे. देश का ऐसा माहौल इस वजह से भी था क्योंकि भारत 95 प्रतिशत ग्राहक लेन देन नकदी में ही होते हैं.
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