पाकिस्तानी अदालत और सेना दे रही आतंकी हाफिज सईद को राजनीतिक वैधता
पाकिस्तान की सेना और अदालतें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और अन्य आतंकियों को राजनीतिक वैधता देने की कोशिश कर रही हैं।
highlights
- पाकिस्तान की सेना और अदालतें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और अन्य आतंकियों को राजनीतिक वैधता देने की कोशिश कर रही हैं
- ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी सेना अच्छे और बुरे आतंकी के खतरनाक गेम को नए स्तर पर ले जाने के लिए कमर कस चुकी है
नई दिल्ली:
पाकिस्तान की सेना और अदालतें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और अन्य आतंकियों को राजनीतिक वैधता देने की कोशिश कर रही हैं।
ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी सेना अच्छे और बुरे आतंकी के खतरनाक गेम को नए स्तर पर ले जाने के लिए कमर कस चुकी है।
यूरोपीय फाउंडेशन ऑफर साउथ एशियन स्टडीज (ईएएसएएस) की साइट पर प्रकाशित एक लेख के मुताबिक पाकिस्तान में न्यायपालिका, सेना और लश्कर-ए-तैय्यबा एवं जमात-उद-दावा के वास्तविक प्रमुख हाफिज सईद के बीच गठजोड़ है, जिसके तहत 'अच्छा आतंकी कल को पाकिस्तान का सांसद या विधायक बनने के लिए तैयार हो रहा है।'
यह बताया जाना जरूरी है अक्टूबर 2017 में पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था, 'पाकिस्तान हथियारबंद समूह के लोगों को राजनीति की मुख्यधारा में लाने के लिए काम कर रहा है।'
ईएएसएएस की टिप्पणी बताती है कि पाकिस्तान में आतंकी और आतंकियों से जुड़े समूह मुख्य धारा की राजनीति से जुड़ते जा रहे हैं।
जबकि हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने लश्कर ए तैय्यबा के दोनों फ्रंट मिली मुस्लिम लीग, तहरीक ए आजाद ए कश्मीर को विदेशी आतंकी संगठनों (एफटीओ) और एसडीजीटी की सूची में डाला है, जिसका वास्तविक सरगना हाफिज सईद है।
पाकिस्तान इन सभी फैसलों से बेपरवाह आतंकियों को मुख्य धारा की राजनीति में शामिल करने में जुटा हुआ है।
वहीं पाकिस्तान की अदालतें भी इस मामले में आतंकियों का साथ देती नजर आ रही हैं। जिस दिन अमेरिकी ने इन संगठनों को आतंकी सूची में शामिल किया, उसी दिन लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तानी प्रशासन को हाफिज सईद को 'परेशान'' नहीं किए जाने को लेकर फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक हाफिज सईद को सामाजिक कल्याण के कार्य करते रहने दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि लाहौर हाई कोर्ट ने हाफिज सईद को नवंबर 2017 में हाउस अरेस्ट से रिहा कर दिया था।
हाफिज सईद को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है। 2012 में अमेरिका ने सईद पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था।
गौरतलब कि मार्शल अयूब खान से लेकर जनरल परवेज मुशर्फ तक के कार्यकाल में पाकिस्तानी सेना पर आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप लगता रहा है और यह सब अदालतों के साथ मिलीभगत से हुआ ताकि सेना की अवैध कारगुजारियों को दबा कर रखा जा सके।
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