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देश में NRC कराने पर कोई फैसला नहीं, रोहिंग्‍याओं की पहचान की जा रही है: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है देश में राष्‍ट्रीय नागरिक पंजीकरण का मुद्दा पिछले काफी समय से बना हुआ है. संसद के माध्‍यम से हम बता देना चाहते हैं कि देश में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.

Updated on: 10 Aug 2021, 08:28 PM

highlights

  • राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एनआरसी को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया गया है
  • रोहिंग्‍याओं की पहचान की जा रही है
  • देश में राष्‍ट्रीय नागरिक पंजीकरण का मुद्दा पिछले काफी समय से बना हुआ है

नई दिल्ली:

संसद (Parliament) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान एक बार फिर राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) का मुद्दा उठा. संसद में जवाब देते हुए गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की ओर से साफ किया गया कि अभी तक राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एनआरसी को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से ये जरूर बताया गया है कि रोहिंग्‍याओं की पहचान की जा रही है और उन्‍हें वापस भेजने की तैयारी चल रही है. बता दें कि सरकार ने अवैध रूप से देश में रह रहे रोहिंग्या प्रवासियों (Illegal Rohingya migrants) को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.

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मंगलवार को संसद में सवाल पूछा गया कि जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के दो साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद अब तक कितने बाहरी लोगों ने जम्मू-कश्‍मीर में जमीन खरीदी है. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि 2019 के बाद से अब तक सिर्फ दो बाहरी लोगों ने जम्‍मू-कश्‍मीर में जमीन खरीदी है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्‍मू-कश्‍मीर में अब जमीन खरीदने में लोगों को अब किसी भी तरह की कठिन प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ रहा है.

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गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है देश में राष्‍ट्रीय नागरिक पंजीकरण का मुद्दा पिछले काफी समय से बना हुआ है. संसद के माध्‍यम से हम बता देना चाहते हैं कि देश में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है. बता दें कि संसद सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्‍यानंद राय ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि रोहिंग्‍या समेत तमाम अवैध प्रवासी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और आए दिन उनके अवैध गतिविधि में शामिल होने की रिपोर्ट सामने आती रहती है. उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है, जिसमें भारत से रोहिंग्‍याओं के प्रत्‍यर्पण न करने का आग्रह किया गया है. हालांकि ये मामला अभी विचाराधीन है और कोर्ट से इस संबंध में कोई ऑर्डर भी नहीं दिया गया है.