logo-image

PoK नेता ने पाकिस्तान के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा कहीं नहीं लिखा है कि कश्मीर तुम्हारा

गिलानी ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान तथाकथित स्वतंत्रता सेनानियों के शवों पर पाकिस्तानी झंडे से लपेटने के लिए 30,000 रुपये तक देता है।

Updated on: 25 Nov 2017, 04:46 PM

highlights

  • गिलानी ने कहा कि मीरवाईज फारूक और सज्जाद लोन के पिता की हत्या में पाकिस्तान का हाथ था
  • इसी महीने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अबदुल्ला ने कहा था कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है

नई दिल्ली:

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नेता तौकीर गिलानी ने शनिवार को मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई है। गिलानी ने कहा कि यह कहीं नहीं लिखा हुआ है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है।

पीओके नेता ने पाकिस्तान पर सवाल उठाते हुए कहा, 'यह कहां लिखा है कि कश्मीर पाकिस्तान का है। कोई करारनामा ऐसा नहीं कहता है। यह निरर्थक है साथ ही मुस्लिम कांफ्रेंस और उनके आदमियों के द्वारा फैलाया हुआ प्रोपेगैंडा है। यहां तक कि वे हमारे बाथरूम के दरवाजे पर 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' तक लिख जाते हैं।'

इसके अलावा गिलानी ने कहा, 'मीरवाईज फारूक और सज्जाद लोन के पिता की हत्या में पाकिस्तान का हाथ था। पाकिस्तान समर्थित जिहादियों ने ही लिबरेशन फ्रंट के 650 से ज्यादा लोगों को मारा था।'

गिलानी ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान तथाकथित स्वतंत्रता सेनानियों के शवों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटने के लिए 30,000 रुपये तक देता है।

उन्होंने कहा, 'बकवासबाजी की इंतिहां होती है। टीवी पर आकर कहते हैं कश्मीरी नमक हराम हैं, हम तो 20 रुपये देकर तुम्हारा नमक खरीदते हैं जिसको दुनिया में कोई नहीं खरीदता है, अरे तुम तो पानी भी हमारा पीते हो।'

और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में मिली जवान की लाश

गौरतलब है कि इसी महीने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अबदुल्ला ने कहा था कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और उसके बाद इसे लेकर विवाद छिड़ा हुआ है।

फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर मसले पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा के दौरे पर निशाना साधते हुए कहा था, 'पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे पाकिस्तान से कोई छीन नहीं सकता।'

और पढ़ें: पाकिस्तान ने हाफिज की रिहाई को सही ठहराया, कहा- भारत का आरोप निराधार