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Corona Virus: Shaheen Bagh में भीड़ इकट्ठा होने पर NCPCR ने जिलाधिकारी से मांगी रिपोर्ट

पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने लगे हैं अब तक कुल 154 मामले देश में कोरोना वायरस के सामने आ चुके हैं जबकि 3 लोगों को कोरोना वायरस के चलते जान से हाथ धोना पड़ा है. बुधवार को नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड ने साउथ ईस्ट दिल्ली के जिलाधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

Updated on: 18 Mar 2020, 08:16 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हैं. इस दौरान शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों ने धरना प्रदर्शन पर गोली बारी से लेकर दिल्ली चुनाव और दिल्ली दंगों तक क्या-क्या नहीं देखा अब इन प्रदर्शनकारियों के लिए नई चुनौती कोरोनावायरस (Corona Virus) है. कोरोना वायरस के चलते देश में सभी भीड़ वाले स्थानों को बंद कर दिया गया है. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय करने में लगे हैं ऐसे में दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों से भी यह जगह खाली करने को कहा जा रहा है लेकिन वो अभी तक अपने आंदोलन को वापस लेने को तैयार नहीं हैं.

पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने लगे हैं अब तक कुल 154 मामले देश में कोरोना वायरस के सामने आ चुके हैं जबकि 3 लोगों को कोरोना वायरस के चलते जान से हाथ धोना पड़ा है. बुधवार को नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड ने साउथ ईस्ट दिल्ली के जिलाधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है. आपको बता दें कि देश में सभी भीड़ वाली जगहों को सरकार ने बंद कर दिया है. क्योंकि कोरोना वायरस भीड़ वाली जगहों पर ज्यादा फैलने का खतरा रहता है इसलिए सरकार की नजरों में अब शाहीन बाग में भी इस भीड़ का हटाया जाना भी जरूरी हो गया है क्योंकि यहां पर भी भीड़ कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है.

WHO का दावा कोरोना वायरस पर गर्मी और ठंडी का कोई असर नहीं
जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से पूछा गया कि क्या कोरोना वायरस गर्म जलवायु अर्थात गर्मी में जीवित रह सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जवाब दिया हां! उन्होंने कहा कि गर्म और ठंडे दोनों जलवायु में कोरोना वायरस जीवित रह सकता है. यह वायरस ठंडे और गर्म दोनों देशों में फैला है. इसपर गर्मी और ठंडी का कोई असर नहीं पड़ता है. इसलिए यह कहना गलत होगा कि कोरोना गर्मी में जिंदा नहीं रह सकता है.

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ट्रेन या बस में सफर के समय रहें सावधान
अगर ट्रेन में आप कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के काफी करीब हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं. यदि आप ट्रेन में संक्रमित व्यक्ति से 2 मीटर की दूरी पर हैं और अधिकतम 15 मिनट तक उसके साथ रहते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन ट्रेन और बस में मौजूद यात्रियों की संख्या पर यह निर्भर करता है. अगर ट्रेन या बस में संख्या ज्यादा हुई तो संक्रमण ज्यादा होगा और कम हुई तो कम. इसलिए खुद को जितना ज्यादा हो सकता है ढंक कर रखें. मास्क लगाए रखें. लोगों से बातें न करें. साथ ही बीच-बीच में सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहे.

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मेट्रो और सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने पर रहे सावधान
लंदन की अंडरग्राउंड ट्रेन में सफर करने वाले लोगों में सांस लेने की दिक्कतें सामने आई हैं. ये दिक्कतें हमारे देश में भी हो सकती हैं, इसलिए मेट्रो में चलते समय लोगों से दूरी बनाकर रखें. मास्क पहने रहें. हो सके तो पूरा चेहरा ढंक कर रखें. इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ की डॉ. लॉरा गोस्के कहती हैं कि जो लोग रोज मेट्रो की सवारी करते हैं. उन्हें फ्लू जैसे लक्षणों के होने का चांस ज्यादा रहता है. जिन इलाकों में या स्टेशन पर लोग ज्यादा ट्रेन बदलते हैं. वहीं इस कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा होता है.

अगर आप विदेश से आए हैं तो भी रहें सावधान
अगर विदेश से आए हैं तो सबसे पहले आप अपना मेडिकल जांच कराइए. इसके लिए आप केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना वायरस जांच सेंटर में टेस्ट करवा सकते हैं. जब तक टेस्ट का परिणाम नहीं आ जाता तब तक खुद आइसोलेट कर लें. यानी खुद को घर में कैद कर लें. या फिर सरकार की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर पर जाएं. इस दौरान प्रयास करें कि आप किसी से न मिले, न मिलने जाएं. खुद को सैनिटाइज करते रहें और मास्क लगाकर रखें.