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चीन सीमा के पास ये बड़ा काम कर रही है मोदी सरकार, जानकर हो जाएंगे खुश

Thoise Airbase: लद्दाख में स्थिर थोइस एक सैन्य एयरबेस है, जिसका इस्तेमाल फिलहाल सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है. लेकिन आने वाले समय में यहां के आम लोग भी उड़ान भरते नजर आएंगे.

Updated on: 10 Feb 2024, 03:13 PM

नई दिल्ली:

Thoise Airbase: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर हमेशा तनाव की स्थित बनी रही है. ऐसे में मोदी सरकार लद्दाख में चीनी सीमा के पास एक नागरिक टर्मिनल भवन का निर्माण कर रही है. जिससे चीन को झटका लग सकता है. दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार एलएसी के पास लद्दाख के नुब्रा इलाके में थोइस एयरबेस पर नया नागरिक टर्मिनल भवन बना रही है. इस इलाके में भारत और चीन के बीच पिछले तीन साल से तनाव बना हुआ है. इस तनाव के बीच केंद्र सरकार ने नागरिक टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य शुरू कराकर एक तरह से चीन को करारा तमाचा मारा है.

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सैन्य एयरबेस है थोइस

बता दें कि लद्दाख में स्थिर थोइस एक सैन्य एयरबेस है, जिसका इस्तेमाल फिलहाल सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है. लेकिन आने वाले समय में यहां के आम लोग भी उड़ान भरते नजर आएंगे. केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत लेह लद्दाख में भी नागरिक विमानों की आवाजागी के लिए कोशिश कर रही है. इससे इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. इसके लिए सरकार ने थोइस एयरबेस को चुना है. फिलहाल सरकार एक सलाहकार नियुक्त करने जा रही है, जिसके लिए शनिवार को बोलियां आमंत्रित की गईं थी.

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लद्दाख में दूसरा नागरिक एयरपोर्ट होगा थोइस

इस एयरपोर्ट टर्मिनल के बनने के बाद लद्दाख में ये दूसरा एयरपोर्ट होगा. जो आम लोगों के लिए होगा. इससे भारत सरकार देश के हर कोने में कनेक्टिविटी की सुविधा देने का लक्ष्य प्राप्त करेगी. जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट पर 130 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. बताया जा रहा है कि थोइस में 5,300 वर्गमीटर क्षेत्र के साथ एक केंद्रीय वातानुकूलित घरेलू यात्री टर्मिनल भवन बनाने की उम्मीद है.

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एयरपोर्ट पर देखने को मिलेगी स्थानीय वास्तुकला

बता दें कि इस घरेलू एयरपोर्ट 0टर्मिनल भवन का निर्माण स्थानीय वास्तुकला, संस्कृति, कला और विरासत को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. वहीं इस भवन को आधुनिक संरचना के आधार पर ही बनाया जाएगा. एयरपोर्ट के इंटीरियर पर भी खास ध्यान दिया जाएगा. बताया जा रहा  है कि मोदी सरकार ने 28 कनाल भूमि को इसके लिए मंजूरी दी है. जिस पर नागरिक विमानों के लिए टर्मिनल और उससे जुड़े अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा.