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सुप्रीम कोर्ट में 'लव जेहाद' का एक और मामला, NIA जांच की मांग

केरल में एक और कथित 'लव जेहाद' का मामला सामने आया है। एक मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लव जिहाद की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।

Updated on: 30 Oct 2017, 11:11 AM

highlights

  • एक मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लव जेहाद की एनआईए से जांच कराने की मांग की
  • मां का कहना है कि उसकी बेटी निमिषा का गुमराह कर 'लव जेहाद' के तहत इस्लाम कबूल कराया गया

नई दिल्ली:

केरल में एक और कथित 'लव जेहाद' का मामला सामने आया है। एक मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लव जेहाद की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।

मां बिंदू संपत का कहना है कि उसकी बेटी निमिषा का गुमराह कर 'लव जेहाद' के तहत इस्लाम कबूल कराया गया और उसे इस्लामिक स्टेट (आइएस) में भर्ती कर अफगानिस्तान भेज दिया गया है।

बिंदू संपत की वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एनएआइए इस बात की जांच करे कि किस तरह ये प्रवृत्ति बढ़ रही है जिसमें युवा लड़के-लड़कियों का इस्लाम धर्म में परिवर्तन करा कर झूठी शादियां कराई जाती हैं और फिर उन्हें झूठे प्यार की आड़ में धीरे से जेहाद और आतंकवाद की गतिविधियों में डाल दिया जाता है।

भाटी ने कहा, 'याचिकाकर्ता इश्वर से डरने वाला एक देशभक्त परिवार से हैं। उनके दो बच्चे हैं। उनका बेटा भारतीय सेना में हैं। उनकी बेटी डेंटल कॉलेज में पढ़ती थी, जहां से उसका कट्टरपंथी इस्लाम की तरफ झुकाव हुआ।'

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याचिका के मुताबिक, निमिषा पढ़ाई के दौरान सज्जाद रहमान नाम के युवक से मिली थी, उसने प्रलोभन देकर इस्लाम कबूल करवाया।

उन्होंने बताया कि अभी उनकी याचिका सुनवाई सूची में नहीं है लेकिन फिर भी सोमवार को वे कोर्ट के समक्ष इसका जिक्र करेंगी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कथित लव जेहाद की शिकार हुई हादिया मामले की सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी है। इसपर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई होगी।

दरअसल मुस्लिम व्यक्ति शफीन जहां की शादी हिंदू महिला हादिया से हुई थी, जिसे केरल हाईकोर्ट ने 25 मई को 'लव जेहाद' कह कर रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपनी याचिका में जहां ने आदेश को 'भारत में महिला की आजादी का अपमान बताया है।'

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हादिया ने मुस्लिम व्यक्ति से दिसंबर 2016 में शादी की थी। महिला ने शादी के लिए इस्लाम स्वीकर लिया था। अदालत ने महिला हादिया को माता-पिता के पास रखने का निर्देश दिया था।

हादिया के पिता को अदालत में पेश होने का सुप्रीम कोर्ट से आदेश देने का आग्रह करते हुए शफीन के वकील ने दावा किया कि महिला ने अपनी शादी से दो साल पहले ही खुद से इस्लाम कबूल कर लिया था।

हादिया के पिता की तरफ से वकील माधवी दीवान ने कहा कि हादिया एक असहाय पीड़ित है, जो बुरी तरह गिरोह में फंस गई, जो मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता है।

वकील ने कहा कि जहां एक अपराधी है और उनकी बेटी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया व आईएस से संबंध वाले एक नेटवर्क में फंस गई है।

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