Kisan Andolan: अभी दिल्ली कूच नहीं करेंगे किसान, 3 मार्च को शुभकरण की अंतिम अरदास, फिर होगा ऐलान
Kisan Andolan 2024: इसके साथ ही हरियाणा में शंभू और खनौरी की तरह दिल्ली जाने वाले अन्य रास्तों पर भी मोर्चे लगाए जाएंगे.
नई दिल्ली:
Kisan Andolan 2024: एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का धरना अभी खत्म नहीं हुआ है. किसान अब भी हरियाणा में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. लेकिन फिलहाल किसानों ने दिल्ली कूच करने का इरादा छोड़ दिया है. इसे लेकर कल यानी रविवार को किसान ऐलान कर सकते हैं. दरअसल, किसान नेता कल यानी रविवार को शुभकरण की अंतिम अरदास के बाद आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे. बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसान फरवरी के 14 फरवरी से ही दिल्ली आने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें दिल्ली आने से बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है.
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शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगेंगे मोर्चे
इसके साथ ही हरियाणा में शंभू और खनौरी की तरह दिल्ली जाने वाले अन्य रास्तों पर भी मोर्चे लगाए जाएंगे. किसान इसकी शुरुआत डबवाली से करेंगे. यहां भी किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा होंगे. अगर सरकार यहां से किसानों को दिल्ली की ओर जाने देगी तो ठीक है नहीं तो किसान यहां डटे रहेंगे. इसके पीछे की वजह ये है कि आंदोलनकारी किसान जत्थेबंदी नहीं करना चाहते. जिससे किसी की जान न जाए.
कल बठिंडा में शुभकरण की अंतिम अरदास
बताया जा रहा है कि शुभकरण की अंतिम अरदास रविवार को बठिंडा के बल्लो गांव में होगी. इस मौके पर सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल औपचारिक ऐसान करेंगे. इसके लिए उन्होंने लोगों से बड़ी संख्या में वहां पहुंचने की अपील की है. किसानों का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने आंसू गैस के गोले फेंकने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल किया. जिन्हें इजरायल से मंगाया गया था. हालांकि किसानों ने साफ किया कि जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत उनकी अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.
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बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि फिलहाल किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इससे पहले शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी कई किसान नेता पहुंचे. शंभू बॉर्डर पर करीब 4-5 किमी तक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का काफिला है. इनमें किसान अस्थायी ठहराव बनाकर रह रहे हैं. किसानों के आंदोलन में महिलाओं भी बड़ी संख्या में आ रही हैं.
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