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हदिया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, NIA शादी की जांच नही कर सकती, कहा- बालिग है लड़की

केरल लव जिहाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने एनआइए को हादिया की शादी की वैधता की जांच करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि वो बालिग है ऐसे में इसकी जांच नहीं कराई जा सकती है।

Updated on: 23 Jan 2018, 05:50 PM

नई दिल्ली:

केरल लव जिहाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने एनआइए को हदिया की शादी की वैधता की जांच करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि वो बालिग है ऐसे में इसकी जांच नहीं कराई जा सकती है।

कोर्ट ने कहा है कि वो लव जिहाद के कथित मामले की जांच कर सकती है लेकिन वो एक महिला और पुरुष की वैवाहिक स्थिति की जांच नहीं कर सकती है। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'हमे जांच से मतलब नहीं है। आप अपनी जांच जारी रखिये या किसी को गिरफ्तार करिये ये हमारी चिंता नहीं है... आप जांच करिये लेकिन उनकी शादी की वैधता की जांच नहीं कर सकते।'

कोर्ट ने कहा कि केरल की महिला हदिया जो कथित तौर पर लव जिहाद की पीड़ित है, उसने खुद कोर्ट में कहा है कि उसने अपनी मर्ज़ी से शफीन जहां से शादी की है।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि वो केरल हाई कोर्ट के शादी को रद्द करने के फैसले की भी समीक्षा करेगा।

कोर्ट ने कहा, 'हम सिर्फ एक बालिग के शादी करने के अधिकार को लेकर चिंतित हैं।'

हादिया के पिता अशोकन ने बेटी के जबरदस्ती धर्मांतरण कराने और मुस्लिम शख्‍स से शादी कराने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को करेगा।

हदिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है और उसे आजादी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही उसने पति के साथ रहने की इच्छा भी जताई थी।

इस मामले में एनआईए एक और रिपोर्ट दाखिल करने वाली  है। हदिया के पति शफीन जहां पर आरोप है कि उसके संपर्क आईएस से हैं।  

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