भ्रष्टाचार केस में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किए जाने की मांग वाली उनकी याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ यचिका दायर की थी.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High court) के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें उसने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka CM BS Yediyurappa) के खिलाफ जमीन अधिग्रहण के इरादे से अधिसूचना वापस लेने से संबंधित कथित भ्रष्टाचार (Corruption Case) के मामले में आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobde) के नेतृत्व वाली एक पीठ ने हाईकोर्ट (HC) के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी.
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किए जाने की मांग वाली उनकी याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ यचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने विशेष सुनवाई अदालत को येदियुरप्पा के खिलाफ अपराधों का संज्ञान लेने और 2012 में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर मामले को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था.
और पढ़ें: अमित शाह का बड़ा बयान, बोले- नक्सलियों के खात्मे के लिए तेज होगा ऑपरेशन
बता दें कि येदियुरप्पा के खिलाफ निजी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 2008-12 से मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भूमि अधिग्रहण के जरिए से 20 एकड़ जमीन को गैर-कानूनी रूप से अधिसूचित किया, ताकि निजी पक्षकारों को अनुचित लाभ मिल सके.
गौरतलब है कि साल 2012 के इस मामले को 2016 में विशेष कोर्ट ने तथ्यों के अभाव में बंद कर दिया था. लेकिन बेंगलुरु हाईकोर्ट ने इसे फिर खोलने को कहा. इसके खिलाफ येदियुरप्पा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.
ये भी पढ़ें: अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली के आरोपों की CBI जांच होगी, बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला
निचली अदालत में कोयला घोटाला मामले की 2014 से सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई जज भरत पराशर की जगह सुप्रीम कोर्ट 2 जजों- अरुण भारद्वाज और संजय बंसल को नियुक्त किया है. कोयला घोटाले से जुड़े 40 से ज़्यादा मुकदमों की धीमी सुनवाई पर काफी समय से चिंता जताई जा रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के एक पत्र का संज्ञान लिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पत्र में भरत पराशर की जगह बेहतरीन क्षमता वाले किसी अन्य जज से करवाने की सिफारिश की थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Islam: मृत्यु के बाद क्या होता है आत्मा के साथ, इस्लाम धर्म में छिपा है मौत के बाद का पूरा सच
-
Bahai Religion: बहाई धर्म क्या है, जानें दुनिया का सबसे नया धर्म कब और कैसे आया
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
बड़ी रोचक है Somnath Jyotirlinga की कहानी, बहुत कम ही लोग जानते होंगे ये दिलचस्प बातें