Karnataka Elections 2023: भाजपा नेता ईश्वरप्पा को मारने की सुपारी पीएफआई और लश्कर को दी गई थी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा ने हाल ही में घोषणा की कि वह इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस बीच पता चला है कि गैंगस्टर जयेश पुजारी ने बीजेपी नेता को मारने के लिए कर्नाटक के बेलगावी में अपने एक सहयोगी को सुपारी दी थी.
highlights
- हत्या का दोषी गैंगस्टर जयेश पुजारी का खुलासा
- बेलगावी में दी थी ईश्वरप्पा की हत्या की सुपारी
बेलगावी:
कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता केएस ईश्वरप्पा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LET) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के निशाने पर थे. ये खुलासा गैंगस्टर जयेश पुजारी ने करते हुए बताया कि कट्टरपंथी समूह कथित तौर पर उन्हें मारने की योजना बना रहे थे. टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार गैंगस्टर ने कर्नाटक के बेलागवी में अपने एक सहयोगी को भाजपा नेता को मारने के लिए सुपारी भी दी थी. इस खुलासे पर केएस ईश्वरप्पा ने कथित तौर पर कहा कि वह किसी भी धमकी से नहीं डरते. उन्होंने कहा कि वह भारत माता को बचाने की दिशा में काम करते हैं और देशभक्त हैं डरते नहीं हैं. गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है.
ईश्वरप्पा ने खुद को बताया हिंदुत्वादी
उन्होंने खुद को हिंदुत्ववादी करार देते हुए कहा कि कोई भी हिंदुत्व को नहीं मार सकता है. जल्द ही होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले ईश्वरप्पा ने हाल ही में घोषणा की कि वह इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को बताया कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं इसके साथ ही उन्होंने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में नहीं उतारने का अनुरोध किया था. गौरतलब है कि हत्या का दोषी जयेश पुजारी उर्फ कांथा उर्फ सलीम शहीर कांथा पर पहले जनवरी और फिर मार्च में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय को धमकी भरे फोन करने का आरोप है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की, क्योंकि नागपुर पुलिस ने बेलागवी जेल से उसे हिरासत में लिया था.
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पुजारी के लश्कर, पीएफआई से संबंध
नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि जांच से पता चला है कि उसके दाऊद गिरोह, पीएफआई और लश्कर से संबंध थे. वह कट्टरपंथी हो गया है और वह डी-गैंग (दाऊद गैंग) के अन्य सदस्यों के साथ जेल में साजिश रच रहा था. गौरतलब है कि तटीय कर्नाटक के इलाके में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिय़ा को लेकर काफी दिनों से तनाव बना हुआ है. इस इलाके में पीएफआई की सक्रियता अधिक है और इनकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है. ये अंडरग्राउंड रहकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं.
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