JNU ने कन्हैया-उमर खालिद ही नहीं बल्कि इन शख्सियतों को भी दिया है, जो अब चमका रहे हैं देश का नाम
अधिक लोगों का मानना है कि जेएनयू में छात्र पढ़ाई की जगह देशद्रोह गतिविधियां में लिप्त और मीडिल क्लास के टैक्स पर अय्याशी करते है. लेकिन आज हम आपको ऐसे शख्सियतों के बारें में बताएंगे जो जेएनयू में पढ़कर अब पूरे देश में छाए हुए है.
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में शान के साथ बसा जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU)एक बार फिर आज खबरों के सुर्खियों में बना हुआ है. यहां के छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ डटकर मोर्चा खोले हुए है. वो अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर के सरकार तक अपनी बात पहुंचान में लगे हुए है. लेकिन इसी बीच जेएनयू के छात्रों की इस मांग को बाहरी लोग पचा नहीं पा रहे है और वो उनकी मांगों को नाजायज ठहराने में जुटे हुए है.
बता दें कि जेएनयू और विवाद का गहरा नाता उस दिन से जुड़ गया था जब साल 2016 में कुछ अज्ञात युवकों ने संसद पर हमले के दोषी अफ़जल गुरू को मौत की सज़ा दिए जाने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन में कुछ युवाओं ने कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए थे. इसके बाद कन्हैया कुमार और उमर खालिद को राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
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इस घटना के बाद से ही जेएनयू को लोग देशद्रोह का गढ़ मानने लगे और वहां के छात्रों को नक्सल, आतंकवादी. अधिक लोगों का मानना है कि जेएनयू में छात्र पढ़ाई की जगह देशद्रोह गतिविधियां में लिप्त और मीडिल क्लास के टैक्स पर अय्याशी करते है. लेकिन आज हम आपको ऐसे शख्सियतों के बारें में बताएंगे जो जेएनयू में पढ़कर अब पूरे देश में छाए हुए है.
1. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी
अभी हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी (abhijeet banerjee) को 2019 का अर्थशास्त्र (economics) का नोबेल पुरस्कार (noble prize) से नवाजा गया है. अभिजीत ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. मुंबई में 1961 में पैदा हुए बनर्जी दुनिया के एक प्रमुख अर्थशास्त्री हैं और वर्तमान समय में वह मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एमआईटी) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं.
2. विदेश मंत्री एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में पीएचडी किया है. एस जयशंकर 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं रह चुके है. एस जयशंकर को जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने विदेश सचिव बनाया था. इससे पहले जयशंकर अमेरिका में भारत के राजदूत थे.
3. मेनका गांधी
बीजेपी सांसद मेनका गांधी भी जेएनयू की छात्रा रह चुकी है, उन्होंने यहां से जर्मन भाषा की पढ़ाई की है. बता दें कि मोदी सरकार-1 में मेनका गांधी मंत्री के पद पर कार्यरत रह चुकी है.
4. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी जेएनयू की छात्रा रह चुकी है. उन्होंने जेएनयू से इकोनॉमिक्स में एमए किया है. निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान रक्षामंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं.
5. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत
नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ सीनियर आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने भी जेएनयू से अपनी पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने यहां से एमए किया है.
6. अरविंद गुप्ता
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के डायरेक्टर अरविंद गुप्ता ने जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से पीएचडी की है.
7. सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी
सीपीआईएम (CPI-M) के नेता सीताराम येचुरी भी जेएनयू के छात्र रह चुके है. यहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स में एमए किया हुआ है.
8. स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव
स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव भी जेएनयू के एल्युमनाई में एक है. यहां से इन्होंने चुनावी शास्त्र में एमए (MA IN Political science) किया है.
9. नेपाल के पूर्व प्राधनमंत्री बाबूराम भट्टाराई
जेएनयू के छात्र भारत ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी इस कॉलेज का और अपना नाम चमका रहे है. जिसमें पड़ोसी देश नेपाल के पूर्व प्राधनमंत्री बाबूराम भट्टाराई का नाम भी एक है. जेएनयू से उन्होंने अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है.
10. उदित राज और एनसीपी के महासचिव डीपी त्रिपाठी
राज्यसभा सांसद रहे एनसीपी के महासचिव डीपी त्रिपाठी जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे चुके हैं. वहीं दलित नेता उदित राज भी जेएनयू से पढ़ाई की हुई है.
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