logo-image

Income Tax Raid: 1 अरब से अधिक की संपत्ति बरामद, चार दिनों में 94 करोड़ रुपये की नकदी जब्त

Income Tax Raid: तलाशी अभियान 12 अक्टूबर को शुरू किया गया था, आठ करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण के साथ 30 लग्जरी घड़ियां जब्त की हैं

Updated on: 16 Oct 2023, 05:08 PM

highlights

  • 55 से ज्यादा स्थानों पर ठेकेदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स पर छापेमारी
  • 30 लक्जरी विदेशी कलाई घड़ियों का कलेक्शन मिला है
  • कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच मामले को लेकर वाकयुद्ध​ छिड़ा

नई दिल्ली:

Income Tax Raid: कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली और आंध्र प्रदेश स्थित 55 से ज्यादा स्थानों पर ठेकेदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स पर छापेमारी में आयकर विभाग ने करीब 94 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है. सीबीडीटी के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान 94 करोड़ रुपये की नकदी और आठ करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण के साथ 30 लग्जरी घड़ियां जब्त की हैं. तलाशी अभियान 12 अक्टूबर को शुरू किया गया था. इस दौरान विभाग ने बेंगलुरु और पड़ोसी राज्य तेलंगाना के साथ आंध्र प्रदेश के कुछ शहरों संग दिल्ली में 55 परिसरों में भी छापेमारी की है.

ये भी पढ़ें: Nithari Case: निठारी कांड के मुख्य गवाह ने खोले कई राज, कहा-मानव तस्करी बात पंढेर ने कबूली थी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सबीडीटी) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि तलाशी में करीब 94 करोड़ रुपये की नकदी और 8 करोड़ रुपये से ज्यादा सोने और हीरे के आभूषण बरामद किए गए. यह कुल मिलाकर 102 करोड़ रुपये ज्यादा की जब्ती हुई. आरोपियों की पहचान को उजागर किए बगैर सीबीडीटी ने जानकारी दी कि एक निजी वेतनभोगी कर्मचारी के घर से करीब 30 लक्जरी विदेशी कलाई घड़ियों का कलेक्शन मिला है. 

सत्तापक्ष और विपक्ष का आरोप 

नकदी की बरामदगी को लेकर कर्नाटक की सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच मामले को लेकर वाकयुद्ध​ छिड़ चुका है.  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के अनुसार, यह पैसा कांग्रेस से संबंधित है. वहीं सीएम सिद्धारमैया ने आरोपों से किनारा किया है. गौरतलब है कि सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां तय करता है. छापेमारी के दौरान दस्तावेजों की हार्ड कॉपी और डिजिटल डेटा भी जब्त किए जा चुके हैं. इससे यह तय होता है कि आरोपियों ने ना केवल कर चोरी की, इसके साथ ठेकेदारों ने फर्जी खरीदारी के साथ खर्चों को बढ़ाकर अपनी आय को कम दिखाने की कोशिश की.  इसके साथ छापेमारी के वक्त माल रसीद नोट (जीआरएन) सत्यापन में विसंगतियों देखने को मिली हैं.