महानदी जल विवाद सुलझाने के लिए न्यायाधिकरण का हुृआ गठन
महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण गठित करने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
नई दिल्ली:
महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण गठित करने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया कि न्यायाधिकरण का मुख्यालय दिल्ली में होगा और भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मनोनीत व्यक्ति न्यायाधिकरण के सदस्य होंगे।
इन व्यक्तियों में अध्यक्ष के रूप में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, सदस्य के रूप में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर कोचर शामिल हैं।
ओडिशा सरकार द्वारा दायर मुकदमे में 23 जनवरी, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।
ओडिशा सरकार ने मांग की थी कि अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद कानून, 1956 के अंतर्गत अंतर राज्यीय नदी महानदी और उसकी नदी घाटी पर जल विवाद को फैसले के लिए न्यायाधिकरण को सौंप दिया जाए।
और पढ़ें: किसान आंदोलन के आगे झुकी महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस ने मानी किसानों की अधिकतर मांगें
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