G20 Summit: President Of Bhart, कांग्रेस का दावा, सरकार ने बदल दिया नाम
INDIA vs Bharat: कांग्रेस नेता जयराम रमेश का बड़ा दावा, सरकार ने बदल दिया इंडिया का नाम, जी20 सम्मेलन में रात्रि भोज पर निमंंत्रण के लिए लिखा प्रेसिडेंट ऑफ भारत.
highlights
- INDIA vs Bharat पर फिर बढ़ा विवाद
- कांग्रेस प्रवक्ता का दावा सरकार ने बदला नाम
- जी20 सम्मेलन में रात्रि भोज निमंत्रण पर लिखा- प्रेसिडेंट ऑफ भारत
New Delhi:
G20 Summit: अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई मुद्दों पर सियासत गर्मा रही है. इनमें से एक अहम मुद्दा है विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA. दरअसल अब इस नाम को लेकर भी सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्षी गठबंधन के नामकरण के बाद से ही देश में एनडीए के घटक दल लगातार देश के भारत नाम दिए जाने की बात कह रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने भी बड़ा दावा किया है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि सरकार ने INDIA का नाम बदल दिया है. दरअसल जी20 सम्मेलन में रात्रि भोज के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से जो निमंत्रण दिया गया है उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट भारत लिखा गया है.
So the news is indeed true.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
Rashtrapati Bhawan has sent out an invite for a G20 dinner on Sept 9th in the name of 'President of Bharat' instead of the usual 'President of India'.
Now, Article 1 in the Constitution can read: “Bharat, that was India, shall be a Union of States.”…
ये है पूरा मामला
राष्ट्रपति भवन में जी-20 सम्मेलन के दौरान 9 सितंबर को होने वाले रात्रि भोज के लिए सभी को जो निमंत्रण भेजा गया है. उसको लेकर विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस का कहना है कि इस रात्रि भोज में सरकार ने इंडिया नाम को बदल दिया है और न्योते पर प्रेसिडेंट और ऑफ भारत लिखा है. जबकि संविधान के मुताबिक प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया होना चाहिए. इसको लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता जय राम रमेश ने एक ट्वीट भी किया है.
कांग्रेस नेता का कहना है कि अगर संविधान के आर्टिकल 1 को पढ़ें तो इसमें लिखा हुआ है कि भारत जो कि इंडिया है एक राज्यों का समूह है. वहीं जयराम रमेश ने कहा कि अब तो राज्यों का समूह भी खतरे में है.
संविधान से हटाया जा सकता है इंडिया शब्द
दरअसल केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है. माना जा रहा है कि इस विशेष सत्र में केंद्र सरकार संविधान में संशोधन को लेकर खास बिल ला सकती है. इसके तहत मोदी सरकार संविधान से इंडिया शब्द हटाने को लेकर बिल पेश कर सकती है. हालांकि संसद के आगामी विशेष सत्र का एजेंडा आधिकारिक तौर पर नहीं आया है. इसके आने के बाद ही इंडिया शब्द को लेकर असमंजस की स्थिति दूर होगी.
मोहन भागवत भी कर चुके भारत का समर्थन
बता दें कि इंडिया शब्द को लेकर लगातार बयानबाजियां हो रही हैं. हाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी इंडिया शब्द पर एतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि, हमें हमेशा भारत शब्द का ही इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील भी की थी कि, इस देश को सदियों से भारत के नाम से ही पहचाना और जाना जाता है कि इंडिया तो सिर्फ अंग्रेजों की देन है जिसे हमें हटा देना चाहिए.
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