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वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी के बाद खारिज किए सबसे ज्यादा आरटीआई आवेदन: CIC

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी किया कि साल 2016-17 के दौरान वित्त मंत्रालय ने सबसे ज्यादा सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदनों को खारिज कर दिया।

Updated on: 17 Mar 2018, 04:59 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी किया कि केंद्र सरकार के द्वारा 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के बाद साल 2016-17 के दौरान वित्त मंत्रालय ने सबसे ज्यादा सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदनों को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान सभी केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के विभागों में से वित्त मंत्रालय ने 1,51,186 प्राप्त आवेदनों में से 18.41 फीसदी को खारिज कर दिया।

वित्त मंत्रालय के बाद गृह मंत्रालय ने 59,828 आवेदनों में से 16.08 फीसदी आरटीआई को खारिज किया।

सीआईसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016-17 में आरटीआई आवेदनों में 6.1 फीसदी की कमी आई। साल 2015-16 में 9.76 लाख आवेदन डाले गए थे वहीं 2016-17 में 9.17 लाख आवेदन दाखिल किए गए थे।

इस दौरान इन आवेदनों में भी 6.59 फीसदी को सरकारी अधिकारियों के द्वारा खारिज कर दिया गया। केंद्रशासित प्रदेशों सहित सभी केंद्र सरकार के कार्यालयों से 2015-16 में 6.62 फीसदी आरटीआई खारिज हुए थे।

गृह मंत्रालय में 2015-16 की 14 फीसदी की तुलना में 2016-17 के दौरान 16.10 आवेदनों को खारिज कर दिया गया।

इसमें सबसे ज्यादा आरटीआई (6,422) मंत्रालय के अंदर आने वाले मुक्त संगठन असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के द्वारा हुए हैं।

केंद्रीय सूचना आयोग सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 2005 में भारत सरकार द्वारा गठित संस्था है जो राज्य सूचना अधिकारी या केंद्रीय सूचना अधिकारी द्वारा लोगों को सूचना न दिए जाने वाले शिकायतों को देखती है।

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