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कृषि विधेयकों और सांसदों के निलंबन पर 5 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ( Ghulam Nabi Azad) कृषि विधेयकों और ऊपरी सदन के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दों पर बुधवार यानी आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath kovind) से मुलाकात करेंगे.

Updated on: 23 Sep 2020, 04:22 PM

नई दिल्ली :

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ( Ghulam Nabi Azad) कृषि विधेयकों और ऊपरी सदन के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दों पर बुधवार यानी आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath kovind) से मुलाकात करेंगे. विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राष्ट्रपति ने हमें मिलने का समय दिया है और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद उनसे शाम पांच बजे मुलाकात करेंगे.

वहीं, संसद से कुछ ही दिनों पहले पारित कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में मौन विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसद अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे जिन पर ‘किसानों को बचाओ, मजदूरों को बचाओ, लोकतंत्र को बचाओ’ जैसे नारे लिखे थे.

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विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिभा से भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च निकाला। वे कुछ देर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कतारबद्ध होकर खड़े हुए. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस और समान विचार वाले दलों के सभी सांसदों ने किसान विरोधी और मजदूर विरोधी विधेयकों के खिलाफ गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक विरोध प्रदर्शन किया जिन्हें मोदी सरकार ने अलोकतांत्रिक ढंग से संसद में पारित कराया.’

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इससे पहले विपक्षी दलों ने कृषि विधयकों को लेकर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में बैठक की. विभिन्न विपक्षी दल कृषि संबंधी विधेयकों के संसद में पारित किये जाने का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने संसद की कार्यवाही का भी बहिष्कार किया है.

उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे इन विवादास्पद विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया है. आजाद अपनी मांग रखने के लिये शाम पांच बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलने जायेंगे.