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जानें कौन थे नानाजी देशमुख जिन्हें भारत रत्न से किया गया सम्मानित

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी दिवंगत नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और गायक-गीतकार-संगीतकार व फिल्मकार दिवंगत भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है.

Updated on: 25 Jan 2019, 11:55 PM

नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी दिवंगत नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और गायक-गीतकार-संगीतकार व फिल्मकार दिवंगत भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों नामचीन हस्तियों की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी. मोदी ने कहा कि प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है. भूपेन हजारिका के गीत और संगीत पीढ़ियों से लोगों द्वारा सराहे जाते हैं. उनसे न्याय, सौहार्द और भाईचारे का संदेश जाता है.

वहीं नानाजी के बारे में पीएम ने लिखा, 'ग्रामीण विकास की दिशा में नानाजी देशमुख के अहम योगदान ने हमारे गांव के लोगों को सशक्त बनाने का एक नया रास्ता दिखाया. वह सच मायने में भारत रत्न हैं.'

जानें कौन हैं नानाजी देशमुख?

चंडिकादास अमृतराव देशमुख को नानाजी देशमुख के नाम से भी जाना जाता है. नानाजी देशमुख भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में काम किया. भारत रत्न से पहले उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मन्त्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे.

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया.