नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक जंग की तैयारी, NSA अजित डोभाल लेंगे बैठक
सुकमा में सीआरपीएफ के 25 जवानों के मारे जाने के बाद सड़क निर्माण के काम की निगरानी के ड्यूटी से सुरक्षा बलों को15 दिनों तक के लिए वापस बुला लिया गया है।
highlights
- सुकमा हमले के बाद सड़क निर्माण के काम की निगरानी के ड्यूटी से सुरक्षा बलों को 15 दिनों तक के लिए वापस बुला लिया गया है
- नक्सल विरोधी अभियान की रणनीति में बदलाव करते हुए सरकार ने अब सभी जवानों को एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगाने का फैसला किया है
New Delhi:
सुकमा स्थित बुरकापाल में नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 25 जवानों की शहादत के बाद सरकार ने नक्सलियों को उनके ही मांद में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला किया है। इस संबंध में 2 मई को राज्य के आला अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे।
बस्तर संभाग के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा, 'नक्सलियों के खिलाफ पलटवार और नई रणनीति के लिए 2 मई को राजधानी रायपुर में आला अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में विडियो काॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद होंगे।'
खबरों के मुताबिक भारत सरकार के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एंटी नक्सल ऑपरेशन की कमान अपने हाथ में ले ली है। डोभाल 2 मई को दिल्ली से लेकर सुकमा तक नक्सल ऑपरेशन में लगे अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेंगे।
सुकमा हमले के बाद नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में नक्सल मामलों के सलाहकार विजय कुमार ने सुकमा और डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने बीजापुर में डेरा डाल दिया है।
बस्तर संभाग के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा, 'नक्सलियों के खिलाफ पलटवार और नई रणनीति के लिए दो मई को राजधानी रायपुर में आला अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद होंगे।'
बताया जाता है कि सरकार ने आरपार की रणनीति बनाने का निर्णय लिया है। यही वजह है कि सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अजीत डोभाल को इसकी रणनीति बनाने की कमान सौंपी गई है।
पिछले दो महीनों के दौरान सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे जवानों पर हुए दो अलग-अलग हमले में क्रमश: 13 और 25 जवान मारे जा चुके हैं।
और पढ़ें: सुकमा हमला: नक्सलियों से निपटने के लिए सरकार बना रही नई आक्रामक रणनीति
नक्सल ऑपरेशन्स के स्पेशल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस डीएम अवस्थी ने बताया, 'सड़क बनवाने के काम में जवानों की जो ड्यूटी लगाई जाती थी, उसे अगले दो हफ्तों के लिए निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल हम नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देंगे और सभी जवान इन्हीं ऑपरेशन्स में शामिल रहेंगे।'
अवस्थी ने कहा कि बस्तर में तैनात सभी जवान अगले कुछ दिनों के लिए अपने इलाके में ऑपरेशन करेंगे। उन्होंने कहा, 'मसलन अगर किसी इलाके में कैंप है तो जवान उस कैंप के 4-5 किलोमीटर के दायरे में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशंस करेंगे।'
सुकमा नक्सली हमले के बाद गृह मंत्रालय ने आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में नक्सल विरोधी अभियान को और अधिक आक्रामक बनाने का फैसला लिया गया था। इसी रणनीति के तहत सरकार ने सबसे पहले पिछले कुछ सालों से खाली पड़े सीआरपीएफ के डीजी पद पर नियुक्ति की थी।
और पढ़ें: सुकमा हमले के बाद गलतियों से सीखकर बदल रहे हैं रणनीति: डीजी
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