एयर चीफ मार्शल बोले- राफेल विमान से दुश्मनों को दो मोर्चों पर जवाब देने को तैयार IAF
वायुसेना के एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा कि वायुसेना के बेड़े में राफेल विमान और विभिन्न हथियारों के शामिल होने से हमारी आक्रामक क्षमता और शक्तिशाली हो गई है. हम दो मोर्चों पर खतरे की किसी भी परिदृश्य से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
नई दिल्ली:
वायुसेना के एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा कि वायुसेना के बेड़े में राफेल विमान और विभिन्न हथियारों के शामिल होने से हमारी आक्रामक क्षमता और शक्तिशाली हो गई है. हम दो मोर्चों पर खतरे की किसी भी परिदृश्य से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने पूर्वी लद्दाख पर चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर कहा कि चीन ने बुनियादी ढांचा बढ़ाया है, लेकिन इससे हमारी संचालनात्मक तैयारी पर असर नहीं होगा. तिब्बत क्षेत्र में 3 वायुसेना के अड्डों पर चीन लगातार तैनाती कर रहा है, लेकिन हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने आगे कहा कि अभी भी चीन की वायुसेना पूर्वी लद्दाख में है. काफी हद तक चीन ने इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से हो सकता है कि वह अपनी सेना को शीघ्र ही तैनात कर दें, लेकिन इसका कोई भी असर हम पर नहीं पड़ेगा.
एयरफोर्स चीफ ने कहा कि राफेल और अपाचे के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता में काफी इजाफा हो गया है. हमारे बेड़े में नए हथियारों के एकीकरण के साथ हमारी आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक विकसित हो गई है. तथ्य यह है कि बड़ी संख्या में मिग-21 बेड़े पर दुर्घटनाएं हुई हैं, इससे मना नहीं किया जा सकता है, लेकिन आंकड़े यह भी बताते हैं कि इस बेड़े में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है. उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि उड़ान भरने वाला प्रत्येक विमान सभी जांचों से सख्ती से गुजरता है. हमारे पास मिग-21 के 4 स्क्वाड्रन हैं और अगले तीन से चार सालों में ड्रॉडाउन हो जाएगा।
चीन-पाकिस्तान साझेदारी और दो-मोर्चे युद्ध की संभावना पर IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस साझेदारी से डरने की कोई बात नहीं है, लेकिन एकमात्र चिंता पश्चिमी तकनीक का पास से चीन तक जाना है. उन्होंने नए लाइट हेलिकॉप्टरों पर कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से हमें 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं. हम अगले दशक तक पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और नए विमानों को शामिल करने के मद्देनजर लगभग 35 लड़ाकू स्क्वाड्रन होंगे.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हाल ही में जम्मू में हुए ड्रोन हमले पर कहा कि हम लंबे समय से स्वदेशी एंटी-ड्रोन क्षमता पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं. वायुसेना के लिए हम काउंटर यूएएस प्रणाली को डिजाइन और विकसित करने के लिए स्टार्टअप को लाभ दे रहे हैं. पाक और पीओके में हवाई क्षेत्रों के संबंध में हमें ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे छोटे स्ट्रिप्स हैं, जो कुछ हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम हैं.
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