शिनाख्त विधेयक के बाद अब कैदियों-जेल पर मॉडल एक्ट ला रही मोदी सरकार
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘हम जेलों के लिए एक मॉडल अधिनियम लाने जा रहे हैं. इसे राज्यों को भेजा जाएगा.’
highlights
- सरकार एक जेल अधिनियम लाने जा रही है, जिसका प्रारूप अंतिम चरणों में
- पैरोल, फरलो और समय से पहले रिहाई के मामले में भी राहत देने की तैयारी
- गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दी मॉडल कारागार मैनुअल की जानकारी
नई दिल्ली:
मोदी सरकार अब अंग्रेजो के जमाने की भारतीय दंड संहिता में आमूल-चूल बदलाव कर उसे बदलते समय के अनुरूप लाने के लिए कमर कस चुकी है. इस कड़ी में दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 पेश ही किया जा चुका है. इसके तहत अपराधियों की बायोमीट्रिक पहचान से जुड़े सारे सबूत एकत्र किए जा सकेंगे. अब सरकार एक जेल अधिनियम लाने जा रही है, जिसका प्रारूप अपने अंतिम चरणों में है. इसके तहत कैदियों के पुनर्वास, जेल अधिकारियों की कैदियों पर सख्ती और आचरण, जेलों की सुरक्षा, महिलाओं के लिए अलग जेल समेत ओपन जेल से जुड़े मसलों पर नए सिरे से प्रारूप तैयार हो रहा है.
सरकार ला रही जेलों के लिए मॉडल अधिनियम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘हम जेलों के लिए एक मॉडल अधिनियम लाने जा रहे हैं. इसे राज्यों को भेजा जाएगा.’ इस पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस मॉडल अधिनियम को हर राज्य अपने हिसाब से लागू कर सकेगा. उन्होंने कहा कि इसमें कैदियों के पुनर्वास के लिए, उन्हें जेल से छूटने के बाद समाज में नए सिरे से स्थापित करने की व्यवस्था के अलावा जेल अधिकारियों की सख्ती, उनके आचरण आदि के नियमन के लिए अलग-अलग प्रावधान होंगे.
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कैदियों के लिए अलग-अलग जेल और सुविधाएं
उन्होंने कहा कि इस मॉडल प्रारूप में जेलों की उच्चतम सुरक्षा, ओपन प्रिसन, महिलाओं के लिए जेल, ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग व्यवस्था, बच्चों के साथ महिला कैदियों के लिए अलग बैरक बनाने के प्रावधान आदि पर भी विचार किया जा रहा है. इसमें कैदियों का मनोवैज्ञानिक आकलन करके उन्हें अपराध की आदत छुड़ाने के लिए मनोचिकित्सकों की सेवाएं देने, उनके लिए काउंसलिंग, थैरेपी और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का तथा कानूनी सहायता का प्रावधान भी किया जा रहा है. इसके साथ ही मोदी सरकार पैरोल, फरलो और समय से पहले रिहाई के मामले में भी राहत देने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
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भारतीय दंड संहिता में आमूल-चूल बदलाव की तैयारी
इससे पहले अमित शाह ने विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए कहा कि केंद्र सरकार एक नया ‘मॉडल कारागार मैनुअल’ बना रही है जिसमें कैदियों के पुनर्वास, महिला कैदियों के लिए अलग जेल और खुली जेल समेत अनेक बिंदुओं को समाहित किया जाएगा. शाह ने यह भी कहा कि औपनिवेशिक ब्रिटिश काल के दौरान कैदियों की पहचान संबंधी 1920 के कानून की जगह लेने वाले ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ को पृथक रूप से देखने के बजाय भावी मॉडल जेल मैनुअल के साथ देखना होगा. जाहिर है इन दोनों विधेयकों के कानून बनते ही भारती दंड संहिता में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिलेगा.
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