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Aditya-L1 Mission: आदित्य एल-1 को लेकर आया इसरो का अपडेट, जनवरी में लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचेगा मिशन

Aditya-L1 Mission: आदित्य-एल1 मिशन को लेकर इसरो की ओर से बड़ा अपडेट आया है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि आदित्य-एल1 मिशन अगले साल जनवरी के मध्य तक एल-1 प्वाइंट तक पहुंच जाएगा. जो धरती से 15 लाख किमी दूर है.

Updated on: 15 Oct 2023, 12:14 PM

highlights

  • आदित्य-एल1 मिशन को लेकर इसरो का अपडेट
  • जनवरी तक एल-1 प्वाइंट पर पहुंचेगा मिशन
  • धरती से 15 लाख किमी दूर से करेगा सूर्य का अध्ययन

New Delhi:

Aditya-L1 Mission: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो ने सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 मिशन को भेजा है. जो पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर लैंग्रेंजियन-1 यानी एल-1 प्वाइंट से सूर्य के बारे में जानकारियां जुटाएगा. आदित्य-एल1 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपडेट जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि आदित्य एल-1 मिशन अगले साल जनवरी के मध्य तक लैग्रेंजियन-1 तक पहुंच जाएगा. इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि यह बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है.

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उन्होंने कहा कि पृथ्वी से एल-1 प्वाइंट तक पहुंचने में करीब 110 दिन लगते हैं. इसलिए जनवरी के मध्य तक यह एल-1 प्वाइंट तक पहुंच जाएगा. इसके बाद सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर लैग्रेंजियन पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. बता दें कि सूर्य मिशन आदित्य एल-1 पर लगे पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे. ये जानकारी इसरो प्रमुख ने मदुरै में मीडिया से बात करते हुए दी.

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बता दें कि इसरो ने इसी साल 2 सितंबर को पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी. इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. बता दें कि आदित्य-एल1 मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, उसके बाद ये तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा. इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक, आदित्य एल1 ने अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश कर लिया है और अब ये पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा. इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी.

गगनयान मिशन के बारे में भी दी जानकारी

आदित्य-एल1 मिशन के अलावा इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने 'गगनयान' मिशन के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परीक्षण वाहन-डी1 मिशन 21 अक्तूबर के लिए निर्धारित किया गया है. गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए परीक्षण की आवश्यकता है. इसरो प्रमुख ने कहा कि, हर महीने हम कम से कम एक प्रक्षेपण करेंगे.

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इस परीक्षण वाहन प्रक्षेपण के बाद, हमारे पास जीएसएलवी है. फिर हमारे पास एसएसएलवी है. फिर उसके बाद गगनयान मानवरहित मिशन होगा. इस बीच एक पीएसएलवी का भी प्रक्षेपण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनवरी से पहले, कम से कम 4-5 लॉन्चिंग को देखा जा सकेगा. बता दें कि आदित्य एल1 मिशन के साथ सात पेलोड भेजे गए हैं, जो सूरज का गहराई से अध्ययन करेंगे. इनमें से चार पेलोड सूरज की रोशनी का अध्ययन करेंगे तो बाकी तीन सूरज के प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का शोध करेंगे.